कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा, घाघरा, गोमती और वरुणा तट पर उमड़ा आस्‍था का सैलाब

वाराणसी सहित समूचे पूर्वांचल में सुबह से ही प्रमुख नदियों पर कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र स्‍नान और दान के लिए आस्‍थावानों का सैलाब घाटों पर उमड़ पड़ा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 23 Nov 2018 11:22 AM (IST) Updated:Fri, 23 Nov 2018 11:48 AM (IST)
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा, घाघरा, गोमती और वरुणा तट पर उमड़ा आस्‍था का सैलाब
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा, घाघरा, गोमती और वरुणा तट पर उमड़ा आस्‍था का सैलाब

वाराणसी, जेएनएन। काशी सहित समूचे पूर्वांचल में सुबह से ही प्रमुख नदियों पर कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र स्‍नान के लिए आस्‍थावानों का सैलाब घाटों पर उमड़ पड़ा। वाराणसी स्थित गंगा के प्रमुख घाटों पर स्‍नान के साथ ही गंगा गोमती संगम स्‍थल कैथी में भी स्ना‍नार्थियों का उत्‍साह सूर्योदय से प्रारंभ हुआ जो दोपहर तक जारी रहा। इस दौरान स्‍नान दान की परंपराओं के निर्वहन के साथ ही मंदिरों में भी सुबह से दर्शन पूजन का क्रम जारी रहा।

बलिया में गंगा, घाघरा, गाजीपुर में गंगा, मऊ में घाघरा, मीरजापुर में गंगा और जौनपुर में गोमती आदि नदियों में अास्‍था की डुबकी लगाने वालों ने कार्तिक मास की समाप्ति के अवसर पर पुण्‍य कमाने का मौका नहीं छोड़ा। इस दौरान घाटों सहित प्रमुख मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ के मददेनजर सुरक्षा व्‍यवस्‍था का दायरा काफी व्‍यापक रहा। 

कार्तिक पूर्णिमा, देव दीपावली और गुरु नानक जयंती के पावन पर्व पर विंध्याचल धाम में उमड़ा जन सैलाब तो श्रद्धा भक्ति के साथ मां विंध्यवासिनी दरबार के साथ विंध्याचल के विभिन्न घाटों पर श्रद्धा भक्ति के साथ श्रद्धालुओं ने आस्‍था पूर्वक मा गंगा को नमन किया। गंगा में गोता लगाकर मां विंध्यवासिनी दरबार में लाखाें ने मत्था टेका, भिंड क्षेत्र के विभिन्न गलियाें में कभी कभी जाम जैसी स्थिति उत्पन्न हो जा रही है।

वरुणा नदी में हजारों ने लगाई डुबकी : पंचक्रोशी तीर्थ धाम के तीसरे पड़ाव रामेश्वर स्थित मां आदि गंगा वरुणा में कार्तिक पूर्णिमा पर हजारों आस्‍थावानों ने सुबह से पुण्‍य की डुबकी लगाकर रामेश्वर महादेव, मां तुलजा -दुर्गा भवानी, राधा -कृष्ण, राम -जानकी लक्ष्मण, गनेश, हनुमान, दत्तात्रय, नरसिंह, कालभैरव व सूर्यदेव सहित भरतेश्वर, पञ्च पालेश्वर, अग्निशेश्वर, ध्यावाभूमीश्वर व लक्ष्मणेश्वर सहित कई विग्रहों का दर्शन -पूजन कर पूण्य की कामना की। साधु सन्तों, ब्राह्मणों में दान किया। 

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