पूर्वांचल में नदियों ने तटवर्ती इलाकों में बढ़ाई चिंता, गंगा नदी के जलस्‍तर में लगातार बढ़ाव

पूर्वांचल में इस समय नदियों का रुख बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता का माहौल है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 25 Aug 2020 01:18 PM (IST) Updated:Tue, 25 Aug 2020 05:03 PM (IST)
पूर्वांचल में नदियों ने तटवर्ती इलाकों में बढ़ाई चिंता, गंगा नदी के जलस्‍तर में लगातार बढ़ाव
पूर्वांचल में नदियों ने तटवर्ती इलाकों में बढ़ाई चिंता, गंगा नदी के जलस्‍तर में लगातार बढ़ाव

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में इस समय नदियों का रुख बढ़ाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिंता का माहौल है। मीरजापुर 70.62 (मीटर), वाराणसी 65.29 (मीटर), गाजीपुर 58.96 (मीटर) और बलिया 56.26 (मीटर) के सााथ गंगा नदी का रुख बढ़ाव की ओर है। दूसरी ओर सरयू नदी का जलस्‍तर भी लगातार तटवर्ती इलाकों में चुनौती दे रहा है। दूसरी ओर सोन नदी और रिहंद डैम के जलस्‍तर में लगातार बढ़ाव जारी है। जौनपुर में गोमती नदी का जलस्‍तर इस समय स्थिर बना हुआ है। वहींं सरयू नदी बलिया के तुर्तीपार में 64.87 मीटर पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, हालांकि नदी का रुख इस समय घटाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में लोगों में राहत है।

वहीं मऊ में उफनायी सरजू नदी ने तटवर्ती इलाकों में तबाही मचा रखी है। नदी खतरा निशान से 96 सेंटीमीटर ऊपर है हालां‍कि जल स्तर घटने का क्रम जारी है। महुला गढ़वल बांध मे लगा एक रेगुलेटर खुलने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इससे कटान की संभावना बढ़ गई है नदी का जलस्तर घटने का क्रम जारी है नदी का जलस्तर औराड़ाड में 71 मीटर 36 सेंटीमीटर पर है जो खतरा बिंदु से 96 सेंटीमीटर ऊपर है वही गौर शंकर घाट पर खतरा बिंदु से 60 सेंटीमीटर ऊपर है नदी की तेज धारा तटवर्ती इलाकों को काटने पर उतारू है। नागा बाबा की कुटी, भारत माता मंदिर, श्मशान घाट, डाेमराज का घर, वृद्ध आश्रम स्थान, खाकी बाबा की समाधि स्थली, जानकी घाट, डीह स्थान अति संवेदनशील स्थल हैं। नदी कभी भी कहीं भी कटान कर सकती है। संवेदनशील जगहों पर सिंचाई विभाग के अवर अभियंता जेपी यादव दर्जनों मजदूरों के साथ तैनात रहे।

श्मशान घाट पर नदी का दबाव बढ़ता जा रहा है, नीचे से पत्थर नदी कटान कर रही है जो खतरा और सिंचाई विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। बीबीपुर बेलौली बांध नदी के निशाने पर है। जलस्तर घटने के बाद ही बंधा सुरक्षित रह सकता है। फिर भी बाढ़ का पानी तटवर्ती इलाकों में तबाही मचा रहा है। चारा की समस्या मुंह बाए खड़ी है तो भूसा का दाम आसमान छू रहा है। पशुपालकों के सामने चारे की समस्या जटिल हो गई है। हरदौली, भगवान चक,अवराडॉड़, भईसा, खरग, तारनपुर, कादीपुर, रामपुर, नवली, बेलौली, दूहियादीलिया, सिसवा, बखरिया, नुरुल्लहपुर, कचीला नारायणपुर, सहारनपुर, सरफोरा, रसूलपुर, सूरजपुर आदि कटान प्रभावित इलाके के किसान परेशान हैं। बाढ़ का पानी गांव में भरा हुआ है जिससे लोगों की समस्‍या कम होने का नाम नहीं ले रही है।

जलस्तर घटने से लोग राहत की सांस महसूस कर रहे हैं लेकिन संक्रामक रोगों का प्रकोप बढ़ेगा। राहत सामग्री में प्रशासन द्वारा किट का वितरण किया जा रहा है। राजस्व विभाग की टीम बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री पहुंचाने में लगी हुई है। राजस्व टीम में कानूनगो राजेश कुमार सिंह लेखपाल अरविंद कुमार पांडे सुधाकर रामसेवक अक्षय सहित टीम के लोग घर घर जाकर बाढ़ से नुकसान वस्तुओं का आकलन कर रहे हैं। कोई भूखा ना रहे इसके लिए राहत सामग्री वितरण कर रहे हैं। जिन लोगों के घरों में पानी घुस गया है और बाहर शरण ले रहे हैं उन्हें तत्काल राहत सामग्री मुहैया कराई जा रही है। 

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