कोरोना संक्रमण के कारण वाराणसी के संकट मोचन संगीत समारोह पर ग्रहण, इस बार भी ऑनलाइन ही निभाई जाएगी परंपरा

विश्व विख्यात संकट मोचन संगीत समारोह पर भी कोरोना की दूसरी लहर का ग्रहण लगने जा रहा है। संगीत समारोह पिछले वर्ष की तरह डिजिटल ही आयोजित करने की तैयारी है। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से इस संबंध में अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:45 AM (IST)
कोरोना संक्रमण के कारण वाराणसी के संकट मोचन संगीत समारोह पर ग्रहण, इस बार भी ऑनलाइन ही निभाई जाएगी परंपरा
संगीत समारोह पिछले वर्ष की तरह इस बार डिजिटल ही आयोजित करने की तैयारी है।

वाराणसी [राजेश त्रिपाठी]। विश्व विख्यात संकट मोचन संगीत समारोह पर भी कोरोना की दूसरी लहर का ग्रहण लगने जा रहा है। संगीत समारोह पिछले वर्ष की तरह डिजिटल ही आयोजित करने की तैयारी है। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से इस संबंध में अभी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। तिथि अनुसार आयोजन एक से छह मई तक होना तय है लेकिन अभी तक कलाकारों के नामों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

 हनुमान जयंती के अवसर पर आयोजित होने वाला यह आयोजन शास्त्रीय संगीत प्रेमियों के लिए एक उत्सव जैसा होता है। इसकी लोकप्रियता व सर्व ग्राह्यता का इससे बड़ा उदाहरण इससे बढ़कर यह नहीं हो सकता कि पहले पांच दिवसीय ही यह आयोजन होता था लेकिन कलाकारों की बढ़ती संख्या और संगीत प्रेमियों की मांग पर महंत स्व. प्रो. वीरभद्र मिश्र ने इसे छह दिवसीय कर दिया था। कोविड-19 के चलते देशभर में लगे लॉकडाउन के कारण पिछले वर्ष इसका आयोजन 12 से 17 अप्रैल तक डिजिटल प्लेटफार्म पर किया गया था। इस विधा से भी आयोजन से भी इसकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई थी।

देश-विदेश में इसे पांच लाख 80 हजार लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर देखा था।  इस आयोजन से बतौर संचालन जुड़े हरिराम द्विवेदी हरी भैया की मानें तो इसकी लोकप्रियता पदम् विभूषण पं. जसराज के इस आयोजन से जुड़ जाने से ज्यादा बढ़ गई। महंत अमरनाथ मिश्र ने इसकी जो एक दिवसीय शुरुआत की वह बाद में दो फिर तीन दिवसीय से होते आज छह दिवसीय तक के मुकाम पर पहुंच चुकी है। इसका श्रेय महंत स्व. प्रो. वीरभद्र मिश्र व वर्तमान महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र को जाता है।

कोविड 19 के बढ़ते प्रभाव के कारण यह आयोजन इस वर्ष भी अब पूर्ण रूप से डिजिटल ही होगा। इसकी पुष्टि महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र ने भी की है। उनका कहना है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए इसका आयोजन निश्चित रूप से डिजिटल होगा। पिछले वर्ष की भांति इस बार भी यू ट््यूब, इंस्ट्राग्राम, फेसबुक जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का सहारा लिया जाएगा। मंदिर की ओर से कलाकारों के नामों की घोषणा तो अभी तक नहीं की गई है लेकिन इतना तय है कि जो कलाकार अपनी प्रस्तुति की रिकार्डिंग भेज देंगे या अपने घर से सजीव प्रसारण के लिए तैयार हो जाएंगे उनका प्रसारण होगा । इसलिए अभी तक उनके नाम व उनकी दिवस विशेष की सूची तैयार नहीं  की जा सकी है। सूत्र बताते हैं कि कुछ स्थानीय कलाकारों का मंचीय कार्यक्रम भी अवश्य होगा।  मंदिर प्रबंधन कोरोना की स्थिति को लेकर पूरी तरह सचेत है। कोरोना की गाइड लाइन का पालन पूरी तरह किया जाएगा।

पंडित जसराज के हनुमान भजन का सीधा प्रसारण

लॉक डाउन की अवधि में पिछले वर्ष पद्मविभूषण पंडित जसराज ने अमेरिका के न्यू जर्सी से अस्वस्थता के दौरान भी हनुमान प्रभु के भजन की प्रस्तुति की थी। उसका सजीव प्रसारण मंदिर ने सोशल मीडिया पर किया था। पं. जसराज का यह अंतिम कार्यक्रम साबित हुआ। इसके बाद उन्होंने कोई भी सार्वजनिक प्रस्तुति नहीं दी। उनके दिवंगत हो जाने से संकट मोचन संगीत समारोह में उनकी कमी खलेगी।

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