दो दशकों में हुई अध्यापकों की नियुक्तियों का मांगा विवरण, अनियमितता को लेकर शासन सख्त

शिक्षकों की नियुक्तियों में हुई अनियमितता को लेकर शासन सख्त है। प्राथमिक से लगायत विश्वविद्यालय तक के शिक्षकों के दस्तावेजों का दोबारा परीक्षण कराया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 27 Jul 2020 08:24 PM (IST) Updated:Mon, 27 Jul 2020 08:24 PM (IST)
दो दशकों में हुई अध्यापकों की नियुक्तियों का मांगा विवरण, अनियमितता को लेकर शासन सख्त
दो दशकों में हुई अध्यापकों की नियुक्तियों का मांगा विवरण, अनियमितता को लेकर शासन सख्त

वाराणसी, जेएनएन। शिक्षकों की नियुक्तियों में हुई अनियमितता को लेकर शासन सख्त है। इस क्रम में प्राथमिक से लगायत विश्वविद्यालय तक के शिक्षकों के दस्तावेजों का दोबारा परीक्षण कराया जा रहा है। वहीं पिछले दो दशकों में सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में हुई शिक्षकों की नियुक्तियों का विवरण भी तलब किया है।

दरअसल शासन जिला विद्यालय निरीक्षकों के माध्यम से हर वर्ष विद्यालयों से शिक्षकों के रिक्त पदों का ब्यौरा (अधियाचन) मांगती है ताकि रिक्त पदों पर चयन आयोग अध्यापकों की नियुक्ति कर सके। वहीं कई विद्यालयों के प्रबंधतंत्र पर रिक्त पदों का ब्योरा शासन से छिपाकर नियुक्ति कर लेने का आरोप है। प्रबंधतंत्र शिक्षकों की कमी दिखा कर पहले अस्थायी नियुक्ति करते हैं। बाद में शिक्षा विभाग की साठगांठ से इन नियुक्तियों को बाद में रेगुलर करा लेते हैं। इसे देखते हुए शिक्षा निदेशालय ने डीआइओएस से दो दशकों में हुई नियुक्तियों का पूरा विवरण मांगा है। इसके अलावा विभाग को भेंजे गए अधियाचन की रिपोर्ट भी तलब की है। ताकि नियुक्तियों पर लग रहे आरोपों की प्रारंभिक जांच की जा सके। शासन के निर्देश पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय नियुक्तियों का विवरण तैयार करने में जुटा हुआ है।

जनपद में 39177 अभ्यर्थी बीएड की प्रवेश परीक्षा में होंगे शामिल

संयुक्त बीएड प्रवेश परीक्षा नौ अगस्त को दो पालियों में होगी। जनपद में 39177 परीक्षार्थियों के लिए 86 केंद्र बनाए गए है। प्रवेशपत्र दो दिनों के भीतर परीक्षा आयोजक संस्था लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड होने की संभावना है। परीक्षा केंद्रों से कोविड-19 के मानकों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है। परीक्षार्थियों मास्क पहनकर आना अनिवार्य होगा। बैगर मास्क के परीक्षार्थियों केंद्रों में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। केंद्रों से लेकर अभ्यर्थियों के बैठने की जगह तक को सैनिटाइज किया जाएगा। थर्मल स्कैङ्क्षनग के बाद ही अभ्यर्थियों को केंद्रों में प्रवेश दिया जाएगा। अगर किसी अभ्यर्थी के शरीर का तापमान अधिक भी पाया जाता है तो उसे परीक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा। इसके स्थान उसे अलग कक्ष में बैठाया जाएगा। ऐसे परीक्षार्थियों के लिए पांच कक्ष सुरक्षित रखे जाएंगे।

वहीं सैनिटाइजर की व्यवस्था केंद्रों को करनी होगी। परीक्षार्थियों को मानक के अनुसार दो गज की दूरी पर बैठाने का निर्देश है। वहीं शुचिता पूर्वक परीक्षा कराने के लिए पांच अधिकारियों की टीम बनाई गई है। इनमें क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, डीआईओएस, नोडल समन्वयक पर्यवेक्षक शामिल हैं।

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