मऊ में लखपति भिखारी के धन की मरने के बाद घंटों चली गिनती, रकम देख फटी रह गई लोगों की आंखें

नोटों के बंडल बनने लगे तो रकम को देखकर लोगों की आंखें फटी रह गईं। वहीं लोगों के बीच चर्चा इस बात की रही कि लाख रुपये से अधिक की रकम पास में रखी होने के बाद भी साधू भिक्षा मांगकर जीवन यापन करते थे।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Sun, 07 Mar 2021 06:42 PM (IST) Updated:Mon, 08 Mar 2021 08:51 AM (IST)
मऊ में लखपति भिखारी के धन की मरने के बाद घंटों चली गिनती, रकम देख फटी रह गई लोगों की आंखें
नोटों के बंडल बनने लगे तो रकम को देखकर लोगों की आंखें फटी रह गईं।

मऊ, जेएनएन। नगर कोतवाली क्षेत्र के डीसीएसके पीजी कालेज मोड़ पर कोरोना काल के दौरान हुई भिक्षा मांग कर जीवन यापन करने वाले साधू की मौत के बाद रव‍िवार  को उनकी झोपड़ी से 1.56 लाख रुपये के सिक्के व नोट मिले। सिटी मजिस्ट्रेट जेएन सचान और कोतवाल डीके श्रीवास्तव ने कोतवाली में इसकी गिनती कराई तो एक-दो, पांच, 10 और 20 रुपये के नोट निकले। पुलिस ने बरामद पैसा जब्त कर लिया, बताया कि सोमवार को साारी रकम ट्रेजरी में जमा कराई जाएगी।

डीसीएसके पीजी कालेज मोड़ में एक झोपड़ी में मौनी बाबा नाम के साधू रहते थे। कोरोना काल के दौरान उनकी मौत हो गई थी। उनके कुछ अनुयायियों ने उनकी झोपड़ी खोलने की प्रशासन से मांग की थी। सोमवार को जब पुलिस ने झोपड़ी खोलवाई तो उसमें से चार बक्से निकले। जब बक्सों को खोलकर देखा गया तो बड़ी संख्या में सिक्के व नोट मिले। यह देख पुलिस ने इसकी सूचना सिटी मजिस्ट्रेट को दी। सूचना मिलते ही सिटी मजिस्ट्रेट भी पहुंचे। पूरा सामान कोतवाली ले जाया गया। यहां जब सामान खोले जाने लगे तो सिक्के व नोट बड़ी मात्रा में पाए गए। यहां इनकी गिनती कराई गई।

बरामद रकम में एक-दो, पांच और 10 रुपये के सिक्कोंं के अलावा 10-20 रुपये के नोट भी मिले। सभी को जब जोड़ा गया तो पूरी रकम 1.56 लाख से अधिक की मिली। गिनती करने के बाद प्रशासन ने पैसे को जब्त कर लिया और झोपड़ी सील कर दी गई है। बताया कि सोमवार को साधू की झोपड़ी से मिले पैसे को ट्रेजरी में जमा कराया जाएगा। कोतवाल डीके श्रीवास्तव ने बताया कि साधू के अनुयायियों के कहने पर झोपड़ी खोली गई तो उसमें से बड़ी मात्रा में सिक्के व नोट मिले, पैसे को ट्रेजरी में जमा कराया जाएगा।

प्रशासनिक अधिकारियों के जिम्‍मेदारी में आधा दर्जन के करीब लोगों को रकम की गिनती करने और काउंटिंग पूरी करने में करीब तीन घंटों से अधिक का समय लग गया। नोटों के बंडल बनने लगे तो रकम को देखकर लोगों की आंखें फटी रह गईं। वहीं लोगों के बीच चर्चा इस बात की रही कि लाख रुपये से अधिक की रकम पास में रखी होने के बाद भी साधू भिक्षा मांगकर जीवन यापन करते थे। अंतिम समय में यह रकम भी उनके काम नहीं आ सकी। धन की गिनती के दौरान कहीं कोई कमी न रह जाए इसलिए जांच के दौरान बाबा के अनुयायी और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही ग्रामीण और गणना करने वाले लोग भी मुस्‍तैद रहे। दोपहर बाद शुरू हुई नोटों और सिक्कों की गिनती को लेकर क्षेत्र में काफी गहमागहमी बनी रही। 

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