बिल्डिंग मैटेरियल विक्रेताओं पर वाणिज्यकर की नजर, वाराणसी में अपंजीकृत कारोबारियों के पंजीकरण पर जोर

सड़क की पटरियों पर बिल्डिंग मैटेरियल बेचने वाले हों या फिर पक्की दुकानों में ऐसे कारोबारियों पर वाणिज्य कर विभाग की नजर टिक गई है। राजस्व बढ़ाने के लिए विभागीय अफसर इन कारोबारियों पर नकेल कसने की तैयारी में हैं। शहर से गांव तक छोटे-बड़े सभी कारोबारियों का पंजीकरण कराया जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 06 Jan 2021 06:50 AM (IST) Updated:Wed, 06 Jan 2021 12:16 PM (IST)
बिल्डिंग मैटेरियल विक्रेताओं पर वाणिज्यकर की नजर, वाराणसी में अपंजीकृत कारोबारियों के पंजीकरण पर जोर
बिल्डिंग मैटेरियल बेचने वाले कारोबारियों पर वाणिज्य कर विभाग की नजर टिक गई है।

वाराणसी, जेएनएन। सड़क की पटरियों पर बिल्डिंग मैटेरियल बेचने वाले हों या फिर पक्की दुकानों में, ऐसे कारोबारियों पर वाणिज्य कर विभाग की नजर टिक गई है। राजस्व बढ़ाने के लिए विभागीय अफसर इन कारोबारियों पर नकेल कसने की तैयारी में हैं। इसके लिए शहर से लेकर गांव तक छोटे-बड़े सभी कारोबारियों का पंजीकरण कराया जाएगा। 

पिछले महीने लखनऊ में हुई बैठक में ऐसे बिल्डिंग मैटेरियल विक्रेताओं पर नकेल कसने का निर्देश जारी हुआ है, जो अभी तक विभाग में पंजीकृत नहीं हैं और लाखों-करोड़ों का सामान बेच रहे हैं। इनकी सूची बनाकर विभाग में पंजीकृत व्यापारियों की सूची से मिलान किया जाएगा। अपंजीकृत कारोबारियों को तत्काल पंजीकृत करने की कार्यवाही की जाएगी। उच्चाधिकारियों ने समस्त जोनल एडिशनल कमिश्नर को इस बाबत चेतावनी दी है। कहा है कि प्रत्येक जिले में बिल्डिंग मैटेरियल कारोबारियों की संख्या काफी है। जबकि इसके सापेक्ष विभाग में केवल 30 फीसद ही व्यापारियों का पंजीकरण है। जो पंजीकृत हैं, वह भी अपने कारोबार का काफी कम आय दिखाते हैं। ऐसे में अपंजीकृत कारोबारियों का न सिर्फ पंजीकरण कराया जाए बल्कि पंजीकृत कारोबारियों के कारोबार स्थल और गोदामों की जांच भी कराई जाए।

तीस हजार व्यापारियों ने अभी तक नहीं कराया आडिट

सरकार ने कंपनियों के लिए आडिट रिपोर्ट अपलोडकरने की अंतिम तिथि 15 जनवरी घोषित की है। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार शहर के लगभग तीस हजार व्यापारियों ने अभी तक आडिट नहीं कराया है। सीए से आडिट कराकर आयकर विभाग के इ-फाइलिंग पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोडकरने के लिए मात्र दस दिन शेष है। दस दिन में ही फर्मों को आडिट भी करानाहै और रिपोर्ट भी अपलोड करना है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक यदिनिर्धारित तिथि पर रिपोर्ट अपलोड नहीं हुई तो आयकर विभाग इन फर्मों परटर्नओवर का .5 फीसद या 1.50 लाख रुपये दोनों में से जो कम होगा उतने काजुर्माना लगाते हुए विभागीय कार्रवाई करेगा।हो सकती है हड़बड़ी में गड़बड़ीकंपनियों की आडिट करने वाले चार्टर अकाउंटेट की मानें तो इस समय काम काबोझ ज्यादा है।

chat bot
आपका साथी