टुकड़ों में नहीं, एक साथ परमिट देने की मांग के साथ आज संभागीय परिवहन प्राधिकरण व बस संचालकों संग होगा मंथन

संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) वाराणसी की बैठक से पहले शुक्रवार को बस मालिकों की बैठक बुलाई गई है। परिवहन अधिकारी बस मालिकों से उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा करेंगे तथा उनसे राय भी लेंगे। उनकी मांगों को परिवहन अधिकारी आरटीए के एजेंडे में शामिल करेंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 08:50 AM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 08:50 AM (IST)
टुकड़ों में नहीं, एक साथ परमिट देने की मांग के साथ आज संभागीय परिवहन प्राधिकरण व बस संचालकों संग होगा मंथन
शुक्रवार को बस मालिकों की बैठक बुलाई गई है।

वाराणसी, जेएनएन। संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की बैठक से पहले शुक्रवार को बस मालिकों की बैठक बुलाई गई है। परिवहन अधिकारी बस मालिकों से उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा करेंगे तथा उनसे राय भी लेंगे। उनकी मांगों को परिवहन अधिकारी आरटीए के एजेंडे में शामिल करेंगे।  

वाराणसी-भदोही जंघई प्राइवेट बस यूनियन के अध्यक्ष विजय प्रताप सिंह ने बताया कि अराष्ट्रीयकृत मार्ग वाराणसी से जमनिया वाया जाल्हूपुर, बलुआघाट, चहनिया, धानापुर, मौजी नाला होते हुए जमनिया तक कुल 70 किलोमीटर दूरी है। इन रूटों पर परिवहन विभाग ने कई टुकड़ों में परमिट जारी किया है। इससे बस को काफी दूरी तक चक्कर लगाना पड़ता है। बस का अधिक डीजल खर्च होने के साथ समय भी बर्बाद होता है। इसके अलावा बस मालिकों को अधिक टैक्स देना पड़ता है। एक साथ परमिट होने पर वाहन स्वामियों को काफी राहत होगी। यात्रियों को अधिक किराया देना पड़ता है। किराए को लेकर आए दिन किचकिच भी होती है। इन रूटों पर छोटे-बड़े वाहन डग्गामारी करते हैं जिससे सरकार को राजस्व क्षति पहुंचाता है। डग्गामारी के चलते आए दिन इस रूट पर दुर्घटनाएं भी होती हैं। बताया कि पहले शिक्षित बेरोजगारों, स्वतंत्रता सेनानी और सेवानिवृत्त सैनिकों को अलग से परमिट दी जाती थी, लेकिन अब बंद हो गई है, यह ठीक नहीं है। शिक्षित बेरोजगारों को प्राथमिकता के आधार पर परमिट दिया जाए। आरटीए की पिछली बैठक में निर्णय लिया गया था कि रोडवेज और प्राइवेट बसों का संचालन एक साथ होगा। दोनों बसें बारी-बारी नंबर लगाकर चलेंगी, लेकिन अभी तक उसे अमल में नहीं लाया जा सका। इस पर आरटीए को गंभीरता से विचार करना होगा।

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