जर्मनी में बुनी पीएम मोदी की आकृति वाली कारपेट, बुनकर राममूर्ति के हैंडटफ्टेड कालीन की मुरीद हुई दुनिया

भदोही के कालीन का डंका अब जर्मनी में बज रहा है। हनोवर सिटी में शुरू हो चुके चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला डोमोटेक्स में अबकी भारतीय कारीगरी ने जमकर रिझाया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 04:00 AM (IST) Updated:Sun, 12 Jan 2020 05:05 PM (IST)
जर्मनी में बुनी पीएम मोदी की आकृति वाली कारपेट, बुनकर राममूर्ति के हैंडटफ्टेड कालीन की मुरीद हुई दुनिया
जर्मनी में बुनी पीएम मोदी की आकृति वाली कारपेट, बुनकर राममूर्ति के हैंडटफ्टेड कालीन की मुरीद हुई दुनिया

भदोही [कैसर परवेज]। कालीनों के लिए अलग पहचान रखने वाले भदोही जनपद की कालीन का डंका अब जर्मनी में बज रहा है। हनोवर सिटी में शुरू हो चुके चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कालीन मेला डोमोटेक्स में अबकी भारतीय कारीगरी ने जमकर रिझाया है। भारतीय पवेलियन में केंद्रीय निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा भदोही-मीरजापुर समेत देश के कई प्रांतों की कारीगरी दुनिया भर से आए निर्यातकों को लाइव दिखाई जा रही है। इसमें जौनपुर-भदोही सीमा पर स्थित पचवल गांव के बुनकर राममूर्ति ने बहुतों का आकर्षित किया है। वे वहां पर हैंडटफ्टेड कारपेट बना रहे हैं, उसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो लगी है। जो हर खरीदार को अपनी ओर खींच रही है। कोई इस पल को वीडियो में कैद कर रहा है तो कोई घंटों पवेलियन मेें बैठकर उनसे उनकी कारीगरी सीखने की कोशिश में लगा हुआ है।

जयपुर और श्रीनगर के भी पहुंचे हैं कारीगर

श्रीनगर के गुलजार गनी और जयपुर के मोहम्मद शरीफ शाह भी डोमोटेक्स में भारत की ओर से अपना हुनर दिखाने पहुंचे हैं। वे भी वहां पर कालीन की कारीगरी दुनिया को दिखा रहे हैं। भारतीय उत्पादों के प्रति आयातकों में विशेष रूचि देखी जा रही है। भदोही-मीरजापुर परिक्षेत्र के हैंडटफ्टेड कालीन जहां अबकी खूब पसंद किये जा रहे हैं, वहीं जम्मू कश्मीर और जयपुर की सिल्क कालीन ग्राहकों को लुभाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रही है।

सीईपीसी के उत्पादों ने भी ध्यान खींचा

सीईपीसी ने भारतीय परंपरागत लूम और बुनाई उपकरणों का प्रदर्शन मेले में कर रहा है। प्रशासनिक समिति के वरिष्ठ सदस्य उमेश कुमार गुप्ता मुन्ना ने मोबाइल फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पीएम की फोटो वाली कालीन के कारण भारतीय पवेलियन के प्रति आयातकों में रूचि बढ़ी है, यह अबकी उद्योग के लिये लाभदायक सिद्ध हो रही है।

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