धान के कटोरा चंदौली में चाक हाओ को कैश कर रहे किसान, गुणवत्ता के मानक पर खरा उतरेगा ब्लैक राइस

ड्रीम प्रोजेक्ट बनाते हुए प्रयास ने आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया कि धान के कटोरा में औषधीय गुणों से युक्त चाक हाओ धान कुबेर का खजाना साबित होने जा रहा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 12 Nov 2019 08:05 PM (IST) Updated:Wed, 13 Nov 2019 07:30 AM (IST)
धान के कटोरा चंदौली में चाक हाओ को कैश कर रहे किसान, गुणवत्ता के मानक पर खरा उतरेगा ब्लैक राइस
धान के कटोरा चंदौली में चाक हाओ को कैश कर रहे किसान, गुणवत्ता के मानक पर खरा उतरेगा ब्लैक राइस

चंदौली [यादवेन्द्र सिंह]। तकरीबन तीन साल पहले तत्कालीन केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी जब जनपद के दौरे पर आईं थीं तो उन्होंने नागालैंड के चाक हाओ काला धान की खेती को धान के  कटोरा में कराने के लिए प्रस्तावित किया था। इसके बाद डीएम ने इसे जनपद का ड्रीम प्रोजेक्ट बनाते हुए आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया कि धान के कटोरा में औषधीय गुणों से युक्त चाक हाओ धान कुबेर का खजाना साबित होने जा रहा है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल का कहना है कि वह इस साल चाक हाओ धान की कटाई से पहले उन चुनिंदा किसानों व नामी-गिरामी कंपनियों के बीच एक गेट टूगेदर कराएंगे। इसमें कंपनियां सीधे कालाधान पैदा करने वाले किसानों से जुड़ेंगीं और उनकी पैदावार की वाजिब कीमत मिल सकेगी । 

   मालूम हो कि पिछले साल नागालैंड से चाक हाओ का बीज लाकर सरकार 12 किसानों को इसकी खेती के लिए प्रोत्साहित की थी। उस समय इन किसानों को तकरीबन 12 सौ  रुपये प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराया गया था। इस साल और अधिक किसानों को बीज उपलब्ध कराकर इसकी खेती को नई दिशा देने के क्रम में सरकार का प्रयास फलीभूत होता नजर आ रहा है। जनपद के ड्रीम प्रोजेक्ट की सफलता से उत्साहित जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने कहा कि इसकी जितने बड़े पैमाने पर खेती होगी उतनी ही कम्पनियां जनपद की ओर रुख  करेंगी। इस आयुर्वेदिक काला धाम की गुणवत्ता अर्थात मधुमेह व उच्च रकतचाप जैसी तमाम बीमारियों में  चाक हाओ रामबाण साबित हो रहा है। इसके कारण क्षेत्र में इसकी मांग भी तेजी से बढ़ रही है। 

कृषि उपनिदेशक का कहना है किया था यह काला धान एक तरफ जहां किसानों की आय को कई गुना बढ़ा रहा है वहीं दूसरी ओर बीपी, शुगर जैसी तमाम बीमारियों जिनमें सामान्य चावल मना होता है उनमें यह अपनी गुणवत्ता के कारण आकर्षण का केंद्र बिंदु बना हुआ है। अब तो यह पूर्वांचल में सुर्खियां बटोर रहा है। इस वर्ष पूर्वांचल के गाजीपुर, सोनभद्र, मीरजापुर, बलिया, मऊ व आजमगढ़ के तमाम जागरूक किसान लेे जाकर अपने यहां कराए हैं चाक हाओ की खेती।

एक नजर में चाक हाओ ब्लैक राइस

1 . नागालैंड का काला धान।

2. मिठास लिए सुपाच्य चावल।

3. औषधीय गुणों से परिपूर्ण।

4. शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी तमाम बीमारियों के लिए राम बाण।

5. नहरों के जाल के कारण धान के कटोरा में हो रही उम्दा पैदावार।

6. स्पेंसर रिटेल, सनराइज मॉल वाराणसी, अदानी ग्रुप, एआई टी सी जैसी तमाम नामी गिरामी कम्पनियां सीधे उठाएंगी किसानों के घर से धान।

सावधानी होगी बरतनी

1. उत्कृष्ट गुणवत्ता के लिए कदापि न मिलाएं रासायनिक उर्वरक।

2. जैविक खेती करने से किसी भी संस्थान व संस्था की अग्नि परीक्षा में पास होकर बचाएगा आपकी व जनपद की साख।

3. खेत में मित्र कीटों की संख्या बढ़ाने के लिए करें बर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग।

4. भेड़ों का खेत में कराएं रात्रि प्रवास ताकि उनके मल मूत्र की जैविक खाद से बढ़े मृदा की उर्वरता।

5. खेत ऐसा चुनें जहां सिंचाई के पानी का हो सके लंबा ठहराव।

6. धान को बड़ी सतर्कता से कुटवाएं ताकि आकर्षक चावल की शोहरत से खींची चलीं आएं नामी गिरामी कम्पनियां आपके द्वार।

फसल कटाई से पूर्व चाक हाओ का उत्पादन करने वाले किसानों का नामी गिरामी कम्पनियों के साथ इंटरेक्शन कराया जाएगा। इस दिशा में उक्त किसानों की एक समिति बनाकर प्रयास जारी है। -नवनीत सिंह चहल, डी एम चंदौली।

चाक हाओ ब्लैक राइस एंटी आक्सीडेंट है। इसमें जिंक व आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। इसलिए यह मधुमेह के रोगियों के लिए रामबाण है। -विजय सिंह, कृषि उपनिदेशक, चंदौली।

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