वाराणसी के सारनाथ स्थित मिनी-जू में मधुमक्खियों का पर्यटकों पर हमला, कई हुए घायल
वाराणसी के सारनाथ स्थित मिनी-जू में शनिवार को दोपहर में मधुमक्खियों ने पर्यटकों पर हमला बोल दिया जिससे वहां भगदड़ मच गई। मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए पर्यटक इधर-उधर जगह खोजने लगे लेकिन कोई ठिकाना नहीं मिल सका।
वाराणसी, जेएनएन। सारनाथ स्थित मिनी-जू में शनिवार को दोपहर में मधुमक्खियों ने पर्यटकों पर हमला बोल दिया जिससे वहां भगदड़ मच गई। मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए पर्यटक इधर-उधर जगह खोजने लगे लेकिन कोई ठिकाना नहीं मिला। वहीं, वन कर्मी उन्हें बचाने की बजाय खुद एक कोने में दुबक गए। मधुमक्खियों के हमले के चलते दो घंटे तक मिनी-जू में पर्यटकों को प्रवेश करने पर रोक दिया गया। वहीं, घायल पर्यटक पास के अस्पताल में उपचार कराकर चले गए।
मिनी-जू में विशाल पिपल का पेड़ हैं। पेड़ में हर साल मधुमक्खी छत्ता लगाते हैं। तेज हवा चलने पर मधुमक्खी का छत्ता गिरने के साथ वह पर्यटकों पर हमला बोल देते हैं। गर्मी शुरू होने के साथ पूर्व प्रभागीय वनाधिकारी ने मधुमक्खी छत्ता को हर साल हटाने का निर्देश दिया लेकिन इस बार वन कर्मी उनके आदेश को भूल गए। दोपहर में तेज हवा चलने के साथ मधुमक्खी गिरने के साथ पर्यटकों पर हमला बोल दिए। मधुमक्खियों को देख मिनी-जू देख रहे पर्यटक भागने लगे लेकिन मधुमक्खी उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर काटते रहे। सबसे अधिक परेशान बच्चे के साथ घूमने गए पर्यटक थे। वे अपने बच्चे को बचाने के लिए इधर-उधर भागते रहे लेकिन उन्हें कहीं कोई ठिकाना नहीं मिल रहा था। मधुमक्खियों हमले को देख महिलाएं जोर-जोर से शोर मचाने लगी। वे अपने बच्चे को साढ़ी के आंचल और दुपट्टे से ढक ली। वहीं, एक महिला अपने बच्चे को लेकर तालाब के किनारे चली गई, संयोग था कि वह तालाब में नहीं गिरी। परिवार किसी तरह उसे तालाब के किनारे से निकाले। लंका सिरगोवर्धनपुर से आई 16 वर्षीय किशोरी सपना मधुमक्खियों के हमले से घायल हो गई। परेशान परिवार वालों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर उपचार कराया। मिनी-जू प्रभारी वन दारोगा अमित दुबे का कहना है कि मधुमक्खियों ने अचानक हमला बोल दिया। फिर भी पर्यटकों को आवाज देकर बाहर निकाला गया है। पेड़ पर मधुमक्खी का छत्ता अधिक ऊंचाई पर होने के कारण उसे हटाने में परेशानी है।