सहेज लो हर बूंद : बीए की छात्रा प्रतिमा ने गढ़े प्रतिमान, बचा रहींं आने वाले कल के लिए जल

कोहासी गांव की रहने वाली बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा व किसान मित्र प्रतिमा ने ठान लिया है वह किसी न किसी तरह से जल बचाएंगी। ताकि कल भी बचा रहे। वह पांच वर्षों से एक संस्था से जुड़कर किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक कर रही हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 14 Apr 2021 11:50 AM (IST) Updated:Wed, 14 Apr 2021 05:37 PM (IST)
सहेज लो हर बूंद : बीए की छात्रा प्रतिमा ने गढ़े प्रतिमान, बचा रहींं आने वाले कल के लिए जल
पांच वर्षों से एक संस्था से जुड़कर किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक कर रही हैं।

वाराणसी, मुकेश चंद्र श्रीवास्तव। कोहासी गांव की रहने वाली बीए द्वितीय वर्ष की छात्रा व किसान मित्र प्रतिमा ने ठान लिया है वह किसी न किसी तरह से जल बचाएंगी। ताकि कल भी बचा रहे। वह पांच वर्षों से एक संस्था से जुड़कर किसानों को जैविक खेती के लिए जागरूक कर रही हैं। इससे खेती अच्छी होती है। 

पहले जहां रासायनिक खेती से 4 से 5 सिंचाई करनी पड़ती थी वहीं जैविक खेती में तीन पानी ही देना पड़ता है। यही नहीं महिला किसानों का समूह गठित कर प्रतिमा ने एचडीएफसी बैंक की मदद से गांव में  40 चापाकल (हैंडपंप) का चबुतरा व सोक पिट तैयार करा दिया है। इसके अभाव में पहले चापाकल का पानी इधर-उधर फैलता था, जिससे की गंदगी भी फैलती थी। अब सोक पिट बनने से धरती भी रिचार्ज हो रही है और जो चापाकल बंद होने के कगार पर थे उन्हें भी बचा रही हैं।

प्रतिमा पढ़ाई के साथ ही सहभागी शिक्षण के साथ मिलकर किसानों को जैविक खेती के बारे में बताती हैं। विकास खंड हरहुआ के राजापुर  तेवर व कोहासी गांव में अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर 12 महिला समूहों का गठन किया है। ये सभीं किसानों, महिलाओं व किशोरियों को जल संरक्षण के लिए नियमित बैठक कर जागरूक करती हैं। 

प्रतिमा बताती हैं कि जैविक खेती से काफी पानी बचाया जा सकता है। बताया कि एचडीएफसी बैंक की मदद से केंद्र के साथ हैंडपंपों के 40 चबूतरे व सोक पिट का निर्माण कराया। इससे पानी जमीन में रिचार्ज होता है।

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