बात सेहत की : आयुर्वेद का रहेगा साथ, तो बीमारियां नहीं आएंगे आपके पास

स्वाइन फलू हो या कोई और बीमारी यह सब रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने से होती हैं। आयुर्वेद में ऐसी दवाएं हैं जिनके सेवन से बीमारियां आपके पास नहीं आएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 Feb 2019 07:02 AM (IST) Updated:Fri, 01 Feb 2019 07:02 AM (IST)
बात सेहत की : आयुर्वेद का रहेगा साथ, तो बीमारियां नहीं आएंगे आपके पास
बात सेहत की : आयुर्वेद का रहेगा साथ, तो बीमारियां नहीं आएंगे आपके पास

वाराणसी, (वंदना सिंह)। स्वाइन इंफ्लुएंजा एक गंभीर वायरल बीमारी है जो स्वाइन फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, और इंफ्लुएंजा वायरस से होता है। मनुष्यों में खासी, थकान, नजला, उल्टी आना, बुखार, दस्त, शरीर में दर्द आदि इसके लक्षण हैं। एनसीडीटी के डेटा के अनुसार, देशभर में इस साल अब तक 4,571 लोग इस बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं और दिल्ली, राजस्थान समेत कई स्थानों पर काफी लोगों की इससे मौत हो चुकी है। इस बीमारी की भयावहता को देखते हुए यही कहा जाता है कि इसके इलाज को लेकर विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। स्वाइन फ्लू के बारे में जानकारी दे रहे हैं चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के वैद्य डा. अजय कुमार। डा. अजय ने बताया की पिछले कुछ सालों में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में उत्तरोत्तर प्रगति होने के बावजूद संक्रामक रोगों के कारण मृत्यु दर में कमी नहीं हो पा रही है। ऐसा क्या कारण है हर दो चार सालों में कोई न कोई नई बीमारी आपदा के रूप में आती है और सैकड़ों लोग काल के गाल में समा जाते हैं। आयुर्वेद में ऐसी बहुत सी औषधियों का उल्लेख है जिनके नियमित सेवन से आप का प्रतिरक्षा तंत्र इतना मजबूत हो जाएगा की बीमारिया आपको छू भी नहीं पाएगी। ये उपाय बनाएंगे आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत : यहा कुछ औषधियों के बारे में बताया जा रहा है जिनका किसी योग्य वैद्य की सलाह एवं देखरेख में सेवन करने से आप हमेशा स्वस्थ रहेंगे।

तुलसी की पत्तियां को रोज सुबह सेवन करें। तुलसी गले और फेफड़े को साफ रखती है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर इसके संक्त्रमण से बचाती है।

गिलोय जिसे गांव में गुरुच नाम से जाना जाता है, इम्यून सिस्टम के लिए बेहतरीन औषधि है। इसके प्रतिदिन काढ़ा पीने से स्वस्थ रह सकते हैं।

अदरक, तुलसी, मिर्च को पीसकर शहद के साथ या इनका काढ़ा बनाकर सुबह लेना चाहिए।

त्रुभवन कीर्ति रस, लक्ष्मी विलास रस, संजीवनी बूटी के सेवन से लाभ मिलता है। शिरिषादि क्वाथ, गोजिह्वादी क्वाथ आदि के सेवन करना चाहिए। स्वर्ण भस्म का सेवन चिकित्सक के सलाह से करना चाहिए। इसके जितना बलवान औषधि कोई नही है। इससे संक्रामक रोगों से लड़ने की अभूतपूर्व शक्ति मिलती है। षडबिंदु तेल का नस्य लेना चाहिए।

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