वो हत्याकांड जिसमें पहली बार मुख्तार को मिली आजीवन कारावास की सजा, माफिया के खिलाफ दर्ज थे 65 मुकदमे
Mukhtar Ansari Death मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज थे। इनमें से आठ में उसे सजा हुई और 21 मामले अदालत में लंबित थे। अवधेश राय हत्याकांड में सबसे पहले उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी। इसके बाद फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज थे। इनमें से आठ में उसे सजा हुई और 21 मामले अदालत में लंबित थे। अवधेश राय हत्याकांड में सबसे पहले उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी। इसके बाद फर्जीवाड़ा कर दोनाली बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी एमएलए) ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
अवधेश राय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे। तीन अगस्त 1991 को वर्चस्व को लेकर मारुति वैन से आए पांच हमलावरों ने अवधेश राय की अत्याधुनिक असलहों से अंधाधुन गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। हमला उस समय हुआ था, जब अवधेश राय मारुति जिप्सी से आकर घर के बाहर अपने भाई अजय राय के साथ खड़े थे।
इस मामले में अजय राय ने चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व राकेश न्यायिक के खिलाफ धारा 148, 149 व 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही पूर्व विधायक अब्दुल कलाम व कमलेश सिंह की मौत हो चुकी है। आरोपित भीम सिंह को गैंगस्टर के एक मामले में दस वर्ष की सजा हो चुकी है, वह गाजीपुर जेल में बंद है। आरोपित राकेश न्यायिक ने मामले में अपनी फाइल मुख्तार ने अलग करवा ली थी। उसका केस प्रयागराज सेशन कोर्ट में चल रहा है।