दुर्वासा मेले में शोरगुल सुनकर गुस्साए हाथी ने मचाया उत्पात, केला व लड्डू देकर किसी तरह आया काबू में
ऋषि दुर्वासा की तपोस्थली पर लगे मेले में एक गुस्साए हाथी ने हड़कंप मचा दिया। इस हाथी को मेले में लाया गया था लेकिन वहां आवाज और शोरगुल सुनकर भड़क गया।
आजमगढ़, जेएनएन। ऋषि दुर्वासा की तपोस्थली पर लगे मेले में एक गुस्साए हाथी ने हड़कंप मचा दिया। इस हाथी को मेले में लाया गया था लेकिन वहां आवाज और शोरगुल सुनकर भड़क गया। गुस्साए हाथी ने मेले में ऐसा उत्पात मचाया कि चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई। काफी मशक्कत के बाद किसी तरह हाथी पर काबू पाया जा सका लेकिन इस हाथी के हंगामे से मेले में खौफ का माहौल बना रहा।
क्षेत्र के ऋर्षि दुर्वासा की काबू में तपोस्थली पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक पूर्णिमा पर तीन दिवसीय मेला लगा। ऐतिहासिक मेला होने के नाते प्रदेश के कोने-कोने से व्यवसायी यहां आकर अपने सामानों को बेचते हैं। मेले में सब कुछ ठीक-ठाक चल ही रहा था कि अचानक मेले का माहौल खराब हो गया। शाम करीब चार बजे हाथी के साथ महावत मेला क्षेत्र में दान लेने महलिया नदी पर पहुंचा। एकाएक महावत पर हाथी नाराज हो गया और मेला क्षेत्र में दौडऩे लगा। हाथी को मेला स्थल की तरफ आते लोग इधर-उधर भागने लगे। सुरक्षा व्यवस्था में लगी पुलिस ने भाग रहे लोगो को सुरक्षित हटाया। उधर वन विभाग को मामले की जानकारी हुई तो डीएफओ अयोध्या प्रसाद ने फूलपुर रेंजर अशोक कुमार व मुहम्मदपुर के रेंजर रामनिवास सिंह सहित कई स्टाफ को मौके पर पहुंचने का निर्देेश दिया। वन विभाग के स्टाफ ने मौके पर पहुंचकर पुलिस बल के साथ हाथी को काबू करने का अथक प्रयास किया। हाथी जिस क्षेत्र में था घेरा बनाकर केला व लड्डू आदि की व्यवस्था कर हाथी को बहलाने का प्रयास किया गया। लगभग बीस मिनट बाद हाथी का महावत हाथी को काबू में कर मेला क्षेत्र से बाहर गहजी की तरफ निकल गया। तब वन विभाग व पुलिस प्रशासन की जान में जान आई। संयोग ही रहा कि कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।