अभिनेता बाबी द्योल व डायरेक्टर प्रकाश झा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के खिलाफ जौनपुर में वाद दर्ज

वेब सीरीज आश्रम चैप्टर 2 में सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य फिल्माने को लेकर अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव के प्रार्थना पत्र पर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर प्रकाश झा तथा अभिनेता बाबी द्योल पर न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने वाद दर्ज किया।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Thu, 12 Nov 2020 04:40 PM (IST) Updated:Thu, 12 Nov 2020 04:40 PM (IST)
अभिनेता बाबी द्योल व डायरेक्टर प्रकाश झा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के खिलाफ जौनपुर में वाद दर्ज
बाबी द्योल व प्रकाश झा पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के खिलाफ वाद दर्ज किया गया है।

जौनपुर, जेएनएन। वेब सीरीज आश्रम चैप्टर 2 में सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले दृश्य फिल्माने को लेकर अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव के प्रार्थना पत्र पर डायरेक्टर और प्रोड्यूसर प्रकाश झा तथा अभिनेता बाबी द्योल पर न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने वाद दर्ज किया।

दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव  निवासी जोगियापुर थाना कोतवाली ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के माध्यम से प्रार्थना पत्र दिया कि वादी सनातन धर्म में गहरी आस्था रखता है। बचपन से ही आश्रम एवं पवित्र हिंदू ग्रंथों के बारे में जानता सुनता आया है। आश्रम ऋषि मुनियों के रहने का पवित्र स्थान बताया जाता है। सुसंगठित आश्रम संस्था भारतवर्ष की अपनी विशेषता रही है। वेब सीरीज आश्रम चैप्टर 2 में आश्रम में आस्था के नाम पर भोले भाले लोगों को फंसाया जाना, आस्था, अपराध और राजनीति का गठबंधन, आश्रमों में व्यभिचार और नशे का व्यापार आदि कैसे चलता है, इस संबंध में ट्रेलर रिलीज हो रहा है। कथित रूप से इसमें आश्रम का डार्कसाइड दिखाया गया है। काशीपुर वाले बाबा निराला का किरदार बालीवुड अभिनेता बाबी देओल ने निभाया है। आश्रम की कहानी ड्रग्स, दुराचार, नरसंहार और राजनीति के इर्द-गिर्द घूमती है। सिरीज में होंगी,भोगी,अपराधी को सनातन धर्म का बाबा दिखाकर सनातन धर्म को बदनाम किया जा रहा है। जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए सिरीज का नाम आश्रम रखा गया है।

9 नवंबर 2020 को 10 बजे वादी ने ट्रेलर टीजर पार्ट टू का देखा। अखबारों में भी वेब सीरीज के बारे में पढ़ा। वादी के अलावा सूर्या सिंह, मान सिंह, रवि पाल, विवेक तिवारी बृजेश निषाद, सूर्यमणि पांडेय ने भी ट्रेलर को देखा,सुना और पढ़ा जिससे वादी व गवाहों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई। विभिन्न वर्गों में सीरीज के माध्यम से शत्रुता, घृणा, वैमनस्य पैदा करने का प्रयास किया गया। सौहार्द बने रहने पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।वादी ने न्याय हित व देश हित में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा कर विवेचना की कोर्ट से मांग की।

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