झारखंड-छत्तीसगढ़ के 135 घुसपैठियों को नहीं मिलेगा गोल्डेन कार्ड, अपात्र नहीं दे सके सोनभद्र का पहचान पत्र

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान सोनभद्र में आए 23294 प्रवासी श्रमिकों के सापेक्ष महद 336 ही आयुष्मान योजना के गोल्डेन कार्ड के पात्र मिले हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 29 Jul 2020 07:40 AM (IST) Updated:Wed, 29 Jul 2020 04:49 PM (IST)
झारखंड-छत्तीसगढ़ के 135 घुसपैठियों को नहीं मिलेगा गोल्डेन कार्ड, अपात्र नहीं दे सके सोनभद्र का पहचान पत्र
झारखंड-छत्तीसगढ़ के 135 घुसपैठियों को नहीं मिलेगा गोल्डेन कार्ड, अपात्र नहीं दे सके सोनभद्र का पहचान पत्र

सोनभद्र, जेएनएन। वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के दौरान जनपद में आए 23294 प्रवासी श्रमिकों के सापेक्ष महद 336 ही आयुष्मान योजना के गोल्डेन कार्ड के पात्र मिले हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने जिला प्रशासन के सहयोग से गोल्डेन कार्ड के लिए 471 को पात्र माना था लेकिन दूसरे चरण में 135 व्यक्ति झारखंड व छत्तीसगढ़ के घुसपैठी निकले और वे जनपद में निवास का कोई पहचान पत्र पेश नहीं कर सके।

आयुष्मान भारत के तहत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना चलाई गई है। इस योजना के तहत गोल्डेन कार्ड जारी किया जाता है। जिसमें लाभार्थी को प्रतिवर्ष उपचार कराने के लिए पांच लाख रुपये बीमा का प्रविधान है। वैश्विक बीमारी कोरोना के चलते विभिन्न राज्यों 23294 प्रवासी श्रमिक लौटे थे। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने से लेकर विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। दूसरे राज्यों में पलायन से रोकने के लिए सरकार ने कई बेहतरी का कदम उठाया। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के लिए उन्हें मनरेगा योजना से जोड़ा गया।

स्वास्थ्य व्यवस्था का लाभ दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने प्राथमिकता से प्रवासी श्रमिकों का गोल्डेन कार्ड बनाने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग ने ब्लाकवार आरोग्य मित्र को पात्र व्यक्तियों को सूची बनाने का निर्देश दिया। जिसमें 471 पात्र लोगों की सूची आरोग्य मित्र ने पेश की। इसी बीच कुछ लोगों ने यह शिकायत दर्ज कराई कि छत्तीसगढ़ व झारखंड सीमा से लगे कई गांवों में जनपद के बाहर निवास करने वालों का नाम गोल्डेन कार्ड देने में शामिल कर लिया गया। अधिकारियों के कान खड़े हुए और इस सूची की पुन: जांच कराई गई। दूसरी जांच में 135 ऐसे लोग मिले जो छत्तीसगढ़ व झारखंड के निवासी थे। जिन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया है।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एसके उपाध्याय ने बताया कि सूची में शामिल 135 लोगों का मूल निवासी झारखंड व छत्तीसगढ़ था। वे जिले का कोई भी पहचान पत्र नहीं दिखा सके, जिसकी वजह से उन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया।

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