18 बोरी पाउडर ने उड़ाए होश

By Edited By: Publish:Sun, 21 Sep 2014 11:07 PM (IST) Updated:Sun, 21 Sep 2014 11:07 PM (IST)
18 बोरी पाउडर ने उड़ाए होश

वाराणसी : रविवार की सुबह पाण्डेयपुर चौराहे के समीप रामजानकी मंदिर के पीछे लावारिस 18 बोरियां मिलने से सनसनी फैल गयी। बोरियों में काले रंग का पाउडर भरा था। विस्फोटक की सूचना पर पहुंची पुलिस उसे उठाकर चौकी पर ले आई। मौके पर पहुंचे बम डिस्पोजल स्क्वायड ने बोरियों की जांच की। खुफिया विभाग ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए अपने स्तर से जांच की। बोरियों में क्या है, इसकी जांच के लिए सैंपल लिया गया है।

स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि शनिवार की रात एक मैजिक में सवार तीन युवक बोरियों को लेकर पहुंचे थे। मंदिर के पीछे खाली जगह देखकर 25-25 किलो की 18 बोरियों को नीचे उतार दिया और चले गए। बाजार होने की वजह से दुकानदारों ने समझा कि किसी का माल पड़ा हुआ है, थोड़ी देर बाद ले जाएगा। देर तक कोई बोरियों को लेने नहीं पहुंचा तो आशंका हुई। एक बोरी खोल के देखी गई तो काला पाउडर जैसा निकला। रात में ही दुकानदारों ने लावारिस बोरियों की जानकारी पाण्डेयपुर पुलिस चौकी को दी। उन्होंने विस्फोटक होने की आशंका व्यक्त की लेकिन पुलिस ने सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। रविवार की सुबह भी बोरियां उसी स्थान पर मौजूद रहने पर दुकानदारों ने कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। विस्फोटक की सूचना पर बम डिस्पोजल स्क्वायड, डॉग स्क्वायड, इंटेलिजेंस की टीम चौकी पर पहुंच गयी। पाण्डेयपुर पुलिस चौकी पर जमा सभी टीम ने अपने-अपने स्तर से बोरियों में भरे काले पाउडर की जांच की। बोरियों पर वडोदरा (गुजरात) की कम्पनी का नाम लिखा था। हर किसी की जांच का रिजल्ट अलग-अलग रहा। बीडीएस का कहना था कि यह हल्का विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल पटाखों के लिए किया जाता है। पुलिस का कहना था कि यह बिल्डिंग मैटीरियल है जिसका इस्तेमाल नमी दूर करने में होता है। वास्तव में यह पाउडर क्या है, इसका पता तभी चल पाएगा जब जांच के लिए भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट लखनऊ की लैब से आएगी।

कुछ सवाल जो अहम हैं

काला पाउडर भरी बोरियों को लावारिस हाल में पाण्डेयपुर के पुराने और प्रसिद्ध मंदिर के पास रखने की वजह क्या थी, इसका जवाब किसी के पास नहीं था। पुलिस का कहना है कि रात में चौराहे के पास चेकिंग चल रही थी। बोरियां ले जा रहे लोगों के पास माल के कागजात नहीं रहे होंगे जिसकी वजह से वह इसे छोड़कर भाग निकले होंगे। चेकिंग के बाद देर रात या अगली सुबह बोरियां क्यों नहीं हटायी गयीं, इसका भी कोई जवाब देने की स्थिति में कोई नहीं था।

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