करौंदे का कमाल, कर रहा मालामाल

By Edited By: Publish:Fri, 29 Aug 2014 07:18 PM (IST) Updated:Fri, 29 Aug 2014 07:18 PM (IST)
करौंदे का कमाल, कर रहा मालामाल

वाराणसी : अमरूद के बागों के लिए ख्यात चिरईगांव अब करौंदे की खेती के लिए भी जाना जाने लगा है। इसकी खेती किसानों को मालामाल कर रही है। आचार व मुरब्बा के स्वाद की ख्वाहिश किसानों, व्यापारियों व खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमियों के चेहरे पर खुशियां बिखेर रही है। हालांकि इस सत्र में कम बरसात होने से करौंदे की खेती करने वाले किसान चिंतित जरूर हुए लेकिन मांग ने इसकी कीमत बढ़ा दी। परिणाम हुआ कि कुछ कम उत्पादन के बाद भी किसानों को उचित कीमत मिल गई।

कीमत अच्छी मिली : चिरईगांव प्रतिनिधि के अनुसार वर्तमान में करौंदा लगभग 3700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है। कम उत्पादन के बाद भी प्रति बीघा लगभग 75000 रुपये की आय मिल रही है। पिछले वर्ष उत्पादन ठीक था लेकिन कम कीमत से लागत खर्च निकलना कठिन था। अबकी उत्पादन तो मौसम की भेंट जरूर चढ़ा लेकिन कीमत अच्छी मिल गई। करौंदे की तोड़ाई महिला मजदूरों के लिए आय का स्त्रोत बनी और 150 रुपये प्रतिदिन की दर से उन्हें मजदूरी मिल रही है।

लग रही मंडी : चिरईगांव में खरीद के लिए मंडी लग रही है। व्यापारी पहुंच रहे हैं। दुर्गा प्रसाद बताते हैं कि प्रतिदिन औसतन 80 से 100 कुंतल तक करौंदे की आवक है। सीवों, बरियासनपुर, दीनापुर, गौराकलां, रुस्तमपुर, चिरईगांव बराई आदि गांवों मं 200 बीघे से अधिक क्षेत्रफल में करौंदा लगा है। करौदा बाग मालिक गोकुलचंद, कैलाश, दिलीप, सुरेंद्र आदि कहते हैं कि एक बीघे में तोड़ाई पर लगभग 15 से 18 हजार रुपये तक खर्च हो रहे हैं। खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े अजय मौर्या कहते हैं कि करौंदे की कीमत चढ़ी है। कच्चे माल की कीमत वृद्धि से उत्पादन लागत बढ़ी है।

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