एंटी रैबीज वैक्सीन की हुई खरीदारी

जागरण संवाददाता, उन्नाव: एक तरफ जिले के कई ब्लाक क्षेत्रों में बंदरों का आतंक है। आए दिन बंदर हमला क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Feb 2017 01:00 AM (IST) Updated:Mon, 27 Feb 2017 01:00 AM (IST)
एंटी रैबीज वैक्सीन की हुई खरीदारी
एंटी रैबीज वैक्सीन की हुई खरीदारी

जागरण संवाददाता, उन्नाव: एक तरफ जिले के कई ब्लाक क्षेत्रों में बंदरों का आतंक है। आए दिन बंदर हमला कर लोगों को जख्म दे रहे हैं। आवारा कुत्ते दांत गड़ा रैबीज का खतरा दे रहे हैं तो दूसरी तरफ जिले में एंटी रैबीज का अकाल चल रहा था। इससे बंदर और कुत्ता काटने के बाद रैबीज से बचने के लिए जख्मी रोगियों को सीएचसी पीएचसी पर एंटी रैबीज वैक्सीन के इंजेक्शन भी नहीं लगाए जा रहे थे। काफी दिनों बाद स्वास्थ्य विभाग की तंद्रा टूटी और एआरवी की लोकल खरीदारी करा सीएचसी और पीएचसी को भेज रहा है।

करीब एक माह से जिले में एआरवी का अकाल चल रहा है। जिला चिकित्सालय को सीएचसी पीएचसी पर एआरवी का स्टाक निल हो गया था। इससे रोगी बेहाल घूम रहे हैं। उन्हें एंटी रैबीज वैक्सीन का इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल आना पड़ रहा है। रोगियों की इस गंभीर समस्या को जागरण ने लगातार प्रमुखता से उठाया। 21 फरवरी के अंक में एआरवी का अकाल रोगी बेजार शीर्षक से तीसरी बार खबर प्रकाशित की। उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की नींद खुली। सीएमओ ने सभी तहसील और ब्लाक स्तरीय अस्पतालों के लिए 160 वायल वैक्सीन की लोकल पर्चेज कराने का आदेश जारी किया। जिसके तहत प्रथम चक्र में 80 वायल वैक्सीन की लोकल पर्चेज कर सुमेरपुर और गंज मुरादाबाद अस्पताल को दस-दस वायल वैक्सीन भेज दी गईं हैं। पुरवा, नवाबगंज, हसनगंज, बांगरमऊ, बीघापुर, अचलगंज अस्पतालों के प्रभारियों को वैक्सीन मंगवाने का निर्देश दिया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि एक वायल में पांच रोगियो को वैक्सीन इंजेक्शन लगते हैं। सरकारी खरीद में वैक्सीन की कीमत 140 रुपया है, जबकि खुले बाजार में यह 250 प्रति वायल मिलती है।

प्रथम चक्र में उन अस्पतालों को वैक्सीन दी जा रही जिनके क्षेत्र से बंदर और कुत्ता काटने के अधिक रोगी जिला अस्पताल आ रहे थे। दूसरे चक्र में तीन दिन बाद अन्य सभी अस्पतालों को दस-दस वायल वैक्सीन दी जाएगी। - डॉ. सीबीएन त्रिपाठी, सीएमओ।

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