शहर के पड़ोस में ओडीएफ अभी दूर की कौड़ी

केस 1 - उम्मीदों के शहर में रहने वाले करीब 75 वर्षीय गोलू ²ष्टिहीन हैं। उनकी पत्नी छेदा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Oct 2018 11:49 PM (IST) Updated:Mon, 22 Oct 2018 11:49 PM (IST)
शहर के पड़ोस में ओडीएफ अभी दूर की कौड़ी
शहर के पड़ोस में ओडीएफ अभी दूर की कौड़ी

केस 1 - उम्मीदों के शहर में रहने वाले करीब 75 वर्षीय गोलू ²ष्टिहीन हैं। उनकी पत्नी छेदाना बताती हैं कि शौचालय न होने से शौच के लिए उन्हें कोई साथ में लेकर बाहर जाता है। उम्र की अधिकता और तबीयत खराब होने पर बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। केस 2 - उम्मीदों के शहर की रहने वाली 70 वर्षीय महरून को शौच के लिए किसी परिवारीजन को साथ लेकर जाना पड़ता है। परिवार के लोग मेहनत मजदूरी करने के लिए बाहर जाते हैं। ऐसे में महरून कई बार पड़ोसियों की मदद की दरकार रहती है। जागरण संवाददाता, उन्नाव : प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की खास वरीयता के कारण प्रशासन जिले को ओडीएफ करने के लिए दिन रात एक किए है। प्रशासन के अधिकारी लगातार मानीट¨रग कर रहे हैं, लेकिन मातहतों की संजीदगी का आलम देखिए कि उनको शहर के पड़ोस तक में ओडीएफ की फिक्र नहीं है। दिए गए उदाहरण इस बात की बानगी हैं। जिम्मेदार महकमे के अधिकारी बेसलाइन सर्वे न होने को अपने बचाव में ढाल बना रहे हैं। हालांकि, उनके पास इस बात का जवाब नहीं है कि सर्वे नहीं हुआ तो इसकी जवाबदेही आखिर है किसकी। बेसलाइन सर्वे 2012 को बनाया आधार

स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत हर गांव को खुले में शौच से मुक्त कराना है। जिले में इस योजना को क्रियान्वित करने के लिए बेसलाइन सर्वे 2012 को आधार बनाया गया है। इस सर्वे में जिले के 1686 राजस्व ग्रामों का चयन किया गया था। बेसलाइन सर्वे के अनुसार इन गांवों के दो लाख 82 हजार घरों में शौचालय बनवाए जाने थे। देख कर भी अफसर करते हैं अनदेखा

शहर से जुड़ी ग्रामीण बस्ती उम्मीदों का शहर की शमां, नगमा, छेदाना, बेबी, नन्हकी, मायावती, चंदा, मोहसिन, मोरैली, निशा, फूल कुमारी, ऊषा, शोभा समेत अन्य महिलाएं कहती हैं कि उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। अफसरों की गाड़ियां रोज सामने से गुजरती हैं, लेकिन उनको वहां की दशा नहीं दिखती। ग्राम पंचायत में होने के बाद भी बेसलाइन सर्वे में सूचीबद्ध होना जरूरी होता है। उम्मीदों का शहर में यदि शौचालय की यह स्थिति है तो निश्चत रूप से बेसलाइन सर्वे में नाम नहीं होगा।

- राजेंद्र प्रसाद यादव, डीपीआरओ उन्नाव गाइड लाइन के अनुसार शौचालयों के आवंटन किए गए हैं। सूची में वंचित गरीबों को शौचालय आवंटन करने के लिए सर्वे कराने की योजना है।

- प्रेम रंजन ¨सह, सीडीओ

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