आलू की फसल में अगेती और पछेती झुलसा रोग की आशंका

जागरण संवाददाता, उन्नाव : तापमान में लगातार उतार चढ़ाव के कारण आलू की अगेती और पछेत

By JagranEdited By: Publish:Thu, 03 Jan 2019 08:04 PM (IST) Updated:Thu, 03 Jan 2019 08:04 PM (IST)
आलू की फसल में अगेती और पछेती झुलसा रोग की आशंका
आलू की फसल में अगेती और पछेती झुलसा रोग की आशंका

जागरण संवाददाता, उन्नाव :

तापमान में लगातार उतार चढ़ाव के कारण आलू की अगेती और पछेती फसल पर झुलसा रोग का खतरा है किसानों को फसलों को इसके प्रकोप से बचाने के लिए सर्तक रहना होगा। डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय के निर्देश पर यह सुझाव जिला कृषि रक्षा अधिकारी सत्येंद्र ¨सह ने किसानों को दी।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया की अगेती-झुलसा के प्रकोप के लक्षण आरंभ में निचली व पुरानी पत्तियों पर छल्लेदार भूरे धब्बों के रूप में दिखाई पड़ते हैं जो कि बाद में तने एवं कंद पर भी फैल जाते हैं। पछेती झुलसा रोग में पत्तियां सर्वप्रथम नोक एवं किनारों से झुलसना शुरू होकर 24 घंटे के अंदर पूरी तरह झुलस जाती हैं जो बाद में तने एवं कंद को भी प्रभावित करती हैं। उन्होंने बताया कि अनुकूल मौसम होने की दशा में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत डब्ल्यूपी 2.5 किलोग्राम या मैंको•ोब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी 2.0 किलोग्राम या जिनेब 75 प्रतिशत डब्ल्यूपी 2.0 किलोग्राम में से किसी एक रसायन को 600 से 800 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 10 से 15 दिन के अंतराल पर दो-तीन बार छिड़काव करना चाहिए। उन्होंने ने बताया की गेहूं में प्राय: चैड़ी एवं सकरी पत्ती वाले खरपतवारों आदि की समस्या देखी जाती है। इसके नियंत्रण को सल्फोसल्फ्यूरान 75 प्रतिशत , सल्फ्यूरान मिथाइल पांच फीसद डब्ल्यू जी 16 ग्राम (एक यूनिट) अथवा मेट्रीब्यू•िान 70 प्रतिशत डब्ल्यूपी 100 से 120 ग्राम को लगभग 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रथम ¨सचाई के बाद बाद छिड़काव करना चाहिए।

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