डॉक्टर की गैरमौजूदगी ने एक और प्रसूता की ली जान

बीघापुर पीएचसी में प्रसव के बाद प्रसूता को रक्तस्त्राव होता रहा। महिला चिकित्सक न होने से स्टाफ ही इलाज करती रहीं। सुबह तक प्रसूता की हालत गंभीर हो गई। डॉक्टर ने ऑनन फानन उसे जिला महिला अस्पताल रेफर कर दिया। रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। महिला अस्पताल में डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Jul 2019 08:18 PM (IST) Updated:Sat, 13 Jul 2019 06:28 AM (IST)
डॉक्टर की गैरमौजूदगी ने एक और प्रसूता की ली जान
डॉक्टर की गैरमौजूदगी ने एक और प्रसूता की ली जान

जागरण संवाददाता, उन्नाव : महिला डॉक्टर न होने से औरास पीएचसी में दो प्रसूताओं की मौत के बाद बीघापुर पीएचसी में भी एक और प्रसूता की महिला डॉक्टर की गैरमौजूदगी के चलते जान चली गई। मौत की जानकारी होने पर परिजनों ने बीघापुर पीएचसी के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगा जमकर हंगामा किया।

थाना बीघापुर के गांव सातन निवासी सलीम जो कि इस समय रुझई में एक इंटर कॉलेज के पास रह रहे हैं। उनकी पत्नी रूबीना 22 को गुरुवार रात लगभग 11 बजे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। पति ने उसे बीघापुर पीएचसी में भर्ती कराया। जहां करीब तीन बजे रूबीना ने बेटे को जन्म दिया। प्रसव के बाद उसे रक्तस्त्राव होता रहा। महिला डॉक्टर न होने से उसे समुचित इलाज नहीं मिला। पति ईएमओ की तलाश में रात भर भटकता रहा पर वह नहीं मिले। शुक्रवार सुबह वह पहुंचे तब परीक्षण किया। हालत नाजुक देखकर उन्होंने उसे महिला जिला अस्पताल रेफर कर दिया। करीब 11 बजे पति और अन्य परिजन उसे महिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां प्रसव कक्ष में ड्यूटी पर रहीं डॉ. संजू ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। रुबीना की मौत हो जाने की जानकारी मिलते ही परिवार के लोग भड़क उठे। उन्होंने प्रसव कक्ष के सामने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर डॉक्टर ने पति को समझा बुझा सीएमओ को अपनी बात बताने को कह कर शांत किया और अस्पताल प्रशासन ने शव वाहन दिलवाया। मृतका के पति का आरोप है कि कि बीघापुर पीएचसी में रात में कोई डॉक्टर नहीं था। उनकी लापरवाही से ही पत्नी की जान चली गई। उसने कहा कि अंतिम संस्कार के बाद सीएमओ से लेकर मुख्यमंत्री तक से शिकायत करूंगा।

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- महिला को मृत अवस्था में लाया गया था। परिजनों का आक्रोश पीएचसी के स्टाफ पर था। उन्हें समझा कर शांत करा दिया और शव वाहन की सुविधा दिला दी गई।

- डॉ. अंजू दुबे, सीएमएस महिला अस्पताल

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- महिला डॉक्टर की तैनाती संविदा पर है। वह रात में नहीं रहती। इमरजेंसी में मेरी ड्यूटी थी रात में किसी ने रक्तस्त्राव की जानकारी नहीं दी। सुबह झटका आने की जानकारी पर उसे चेक किया और गंभीर देख महिला अस्पताल रेफर किया।

- डॉ. पंकज पांडेय, एमओआइसी

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