सरकारी दफ्तर में जड़े जमा रहा को¨चग का कॉकस

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By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Nov 2018 11:33 PM (IST) Updated:Mon, 19 Nov 2018 11:33 PM (IST)
सरकारी दफ्तर में जड़े जमा रहा को¨चग का कॉकस
सरकारी दफ्तर में जड़े जमा रहा को¨चग का कॉकस

संवादसूत्र, सुलतानपुर : शिक्षक पात्रता परीक्षा में को¨चग कारोबारी शिक्षकों की ड्यूटी का भंडाफोड़ होने से शिक्षा महकमे के दफ्तरों में व्याप्त शुचिता और पारदर्शिता की कलई खुलकर सामने आ गई है। को¨चग कारोबार में बड़े पैमाने पर बेसिक शिक्षकों की संलिप्तता ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है। दागदार शिक्षकों को टीईटी के लिए किन परिस्थितियों में और किसने प्रस्तावित किया? ..आखिर कौन सा नेटवर्क दफ्तर में सक्रिय रहा? अफसर फिलहाल इस पर मौन साधे हुए हैं। शिक्षा विभाग में इस हद तक माफिया की जड़ें मजबूत होने की बात सामने आने के बाद प्रशासन के सामने बोर्ड परीक्षाओं को नकलमुक्त रखने की गंभीर चुनौती है।

रविवार को टीईटी में बड़े पैमाने पर कक्ष निरीक्षकों का अकाल दिखा। दागदार बेसिक शिक्षकों की ड्यूटी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कई को¨चग कारोबारी शिक्षक बेनकाब हुए। बावजूद इसके सिर्फ एक ही निलंबित हुआ। बाकी को टीईटी से दूर किया गया। एक खंड शिक्षा अधिकारी पर भी तलवार लटक रही है। जिलाधिकारी द्वारा मामले को संज्ञान में लिए जाने से शिक्षा महकमे के दोनों दफ्तरों में अजीब सी खामोशी है। जब दफ्तरों में इस कदर को¨चग व शिक्षा माफिया का कॉकस है तो कैसे और किन परिस्थितियों में 124 केंद्रों पर प्रस्तावित बोर्ड परीक्षाएं पारदर्शिता के साथ निपटाई जाएंगी? परीक्षा प्रभारी सत्यशील त्रिपाठी कहते हैं कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए अब किसी भी परीक्षा में बेसिक शिक्षकों की ड्यूटी न लगाने का फैसला किया है। -को¨चग में पढ़ाना सरकारी शिक्षकों के लिए नाजायज है। इसमें संलिप्त शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई तय है।

-जीके ¨सह, जिविनि -नियम-विरुद्ध कार्य करने वाले को कतई बख्शा नहीं जाएगा। पारदर्शिता व शुचिता से समझौता नहीं होगा।

-केके ¨सह, बीएसए

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