किसानों का एक करोड़ 43 लाख की बकाएदार है चीनी मिल

दो पराई सत्र बीतने के बाद भी भुगतान नहीं मिला। कर्जदार बने किसान अब अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 30 Sep 2020 11:42 PM (IST) Updated:Thu, 01 Oct 2020 05:02 AM (IST)
किसानों का एक करोड़ 43 लाख की बकाएदार है चीनी मिल
किसानों का एक करोड़ 43 लाख की बकाएदार है चीनी मिल

देवेंद्र शुक्ला, अखंडनगर (सुलतानपुर) : कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को थाम दिया है। महामारी की वजह से उत्पादन तो ठप पड़ा है। वहीं तमाम भुगतान भी लंबित हैं। विकास खंड के गन्ना किसानों का दो पेराई सत्र में लगभग एक करोड़ 80 लाख रुपये मिझौड़ा चीनी मिल अंबेडकरनगर बकाया है। किसानों को भुगतान ने मिलने से जहां वह कर्जदार बन गए है। वहीं किसानों के समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।

किसान फसल की बोआई के समय कर्जा लेकर लागत इस आस में लगाते हैं कि वह उत्पादन के बाद तैयार फसल की बिक्री कर मुनाफा कमा सकेंगे। इसमें गन्ना प्रमुख फसल है। सहकारी गन्ना विकास समिति लिमिटेड बिलवाई के तहत कुल 5617 रजिस्टर्ड गन्ना किसान हैं। जिनसे गन्ना क्रय कर के 85 से 90 प्रतिशत गन्ने की सप्लाई चीनी मिल मिझौड़ा अंबेडकरनगर को की जाती है। पेराई सत्र 2019-20 में गन्ना किसानों द्वारा बेचे गए गन्ने का कुल एक करोड़ 43 लाख 40 हजार का बकाया है। वहीं 2018-19 के का 37 लाख 12 हजार का बकाया है।

गन्ना की खेती से मुंह मोड़ रहे किसान : चीनी मिल की ऐसी मनमानी से गन्ना किसान हतोत्साहित हैं। गन्ने की खेती का हब कहे जाने वाले बड़ोरा ख्वाजापुर, रुपईपुर, नरवारि, मझगवां समेत दर्जनों गांव के गन्ना किसान गन्ने की खेती छोड़ने का मन बना रहे हैं। किसान राजेंद्र प्रसाद का कहना है कि यदि चीनी मिल के पास धन का अभाव है तो उसे एक फार्मूला निकालकर किसानों को कुछ बोरी चीनी ही उपलब्ध करा देनी चाहिये इस चीनी को किसान चाहे तो अपने उपयोग में ले आए या इसे बेच कर अपनी आर्थिक जरूरतों को पूरा करें।

इनसेट

समिति को नहीं मिला भुगतान

सहकारी गन्ना समिति लिमिटेड बिलवाई के सचिव रामदुलार ने बताया कि चीनी मिल अंबेडकर नगर द्वारा अभी तक समिति के खाते में रुपये का भुगतान नहीं किया गया है। इससे गन्ना किसानों को होने वाली समस्या से चीनी मिल को अवगत कराया जा चुका है, जल्द ही बकाया भुगतान कराया जाएगा।

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