मानक के विपरीत बना रोडवेज व छात्रावास

सुलतानपुर : नगर में रोडवेज भवन और केएनआई स्थित छात्रावास का निर्माण मानक के विपरीत करा दिया गया। प्र

By Edited By: Publish:Thu, 08 Dec 2016 11:06 PM (IST) Updated:Thu, 08 Dec 2016 11:06 PM (IST)
मानक के विपरीत बना रोडवेज व छात्रावास

सुलतानपुर : नगर में रोडवेज भवन और केएनआई स्थित छात्रावास का निर्माण मानक के विपरीत करा दिया गया। प्रमुख सचिव की जांच में कई स्तर पर गड़बड़ियां पाई गई हैं। जिस पर उन्होंने जिम्मेदारों को कार्रवाई की चेतावनी दी। साथ ही निर्माण की तकनीकी जांच के लिए जलनिगम, लोनिवि व लघु ¨सचाई विभाग के अभियंताओं की तीन सदस्यीय टीम गठित की है। जिसकी रिपोर्ट डीएम के जरिए भेजने का निर्देश दिया है।

प्रमुख सचिव खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन हेमंत राव ने गुरुवार को दोपहर में केएनआइ के निकट छात्रों के लिए बनाए जा रहे आवास का मुआयना किया। भवन का निर्माण मानकों को ताक पर रखकर कराया गया था। जिस पर प्रमुख सचिव ने कार्यदायी संस्था के अभियंता को कड़ी फटकार लगाई। वहीं रोडवेज भवन के निर्माण में 18 एमएम की ग्रेनाइट की बजाए 16 एमएम का प्रयोग किया गया था। जबकि छत की लेट तिरछी बना दी गई। जिस पर प्रमुख सचिव ने कार्यदायी संस्था यूपी सिडको के एक्सईएन ओपी मिश्र को चेतावनी दी। कहा, पिछली बार मैंने हिदायत दी थी, इसके बाद भी नहीं सुधार हुआ। नाराज प्रमुख सचिव ने दोनों कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखापढ़ी करने की बात कही। गौरतलब है कि 563 लाख रुपये लागत वाले रोडवेज के निर्माण के लिए अब तक 340 लाख रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। इस मौके पर प्रभारी डीएम रामयज्ञ मिश्र, एडीएम प्रशासन शेषनाथ, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पवन अग्रवाल आदि मौजूद रहे।

फार्मासिस्ट पर कार्रवाई के आदेश

प्रमुख सचिव हेमंत राव सुबह दस बजे भदैंया सीएचसी पहुंचे। फार्मेसी कक्ष में अव्यवस्था मिलने पर फार्मासिस्ट आईपी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए। प्रसूताओं को तत्काल डिस्चार्ज किए जाने और जननी सुरक्षा योजना का लाभ पात्रों को न मिलने पर अफसरों को फटकारा। एबुलेंस कर्मियों का रजिस्टर मांगने पर नहीं मिला। जिसपर प्रमुख सचिव नाराज होकर चले गये।

अद्यतन नहीं मिले अभिलेख

प्रमुख सचिव हेमन्त राव ने कस्बे के दुर्गापुर मार्ग पर स्थित तहसील के नए भवन का निरीक्षण किया। करीब सवा घण्टे तक परिसर में मौजूद प्रमुख सचिव ने विभिन्न अनुभागों में पहुंच कर अभिलेखों का बारीकी से निरीक्षण किया। कर्मियों की सेवा पुस्तिका अद्यतन नहीं मिली। जबकि खतौनियों का अमल दरामद एक महीने बाद मिला। इस पर अफसरों को खूब सुनाया और कामकाज दुरुस्त करने के निर्देश दिए।

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