हत्या के तीन आरोपितों को आजीवन कारावास

जासं सोनभद्र जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने दहेज के लिए विवाहिता को मौत के घाट उतारने के मामले में साक्ष्य पाए जाने पर आरोपी बनाए गए पति ससुर समेत पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि फैसला आने से पहले मृतका के पति व ससुर की मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में तीन लोगों को आजीवन कारावास व जुर्माना की सजा सुनाई गई।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Oct 2019 07:42 PM (IST) Updated:Wed, 09 Oct 2019 07:42 PM (IST)
हत्या के तीन आरोपितों को आजीवन कारावास
हत्या के तीन आरोपितों को आजीवन कारावास

जासं, सोनभद्र : जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र प्रसाद मिश्र ने दहेज के लिए विवाहिता को मौत के घाट उतारने के मामले में साक्ष्य पाए जाने पर आरोपी बनाए गए पति, ससुर समेत पांच लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि फैसला आने से पहले मृतका के पति व ससुर की मौत हो चुकी है। ऐसी स्थिति में तीन लोगों को आजीवन कारावास व जुर्माना की सजा सुनाई गई।

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रामजियावन सिंह यादव के मुताबिक झारखंड के पलामू जिला के चैनपुर पूरबडीह गांव निवासी वीरेंद्र कुमार दुबे ने दुद्धी कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वादी मुकदमा के मुताबिक उसकी पुत्री रंजना को आठ मार्च 2009 को दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे मौत के घाट उतार दिया गया और मामले को आत्महत्या बताया गया। पुलिस ने 498ए, 304बी, 3/4 डीपी एक्ट के तहत दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के महुअरियां गांव निवासी रंजना के ससुर माहेश्वर चौबे, जेठ प्रदीप चौबे, पति प्रमोद चौबे, सास लैश देवी व ननद नीलू कुमारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया था। सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने तहसीलदार के शव पंचनामा की रिपोर्ट पेश करते हुए दलील दी कि रंजना ने आत्महत्या नहीं कि बल्कि उसकी हत्या की गई है। उसके शरीर पर चोट के निशान पंचनामा के दौरान मिले है। यह साबित होने पर न्यायालय ने धारा 302/34 में मामले की सुनवाई की। न्यायालय में मामले के विचारण के दौरान रंजना के पति प्रमोद चौबे व ससुर माहेश्वर चौबे की मौत हो गई। साक्ष्य पाए जाने पर बुधवार को जेठ प्रदीप चौबे, सास लैश देवी व ननद नीलू कुमारी को सजा सुनाई गई। अभियुक्तों को आजीवन कारावास के साथ ही प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये अर्थदंड लगाया गया है। अर्थदंड न जमा करने पर छह माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

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