सिमट रहा नदियों का अस्तित्व, नाले के रूप में हो रहीं तब्दील
दुद्धी तहसील के बभनी थाना क्षेत्र में स्थित नदियों का अस्तित्व ि
जागरण संवाददाता, सांगोबांध (सोनभद्र): दुद्धी तहसील के बभनी थाना क्षेत्र में स्थित नदियों का अस्तित्व सिमटता जा रहा है। अवैध खनन के चलते नदियां सकरी हो कर नाले के रूप में तब्दील होती जा रही हैं। इससे पर्यावरण भी प्रभावित हो रहा है। यूपी और छत्तीसगढ़ की सीमा पर स्थित बड़का पांगन नदी में बालू का खनन होने से नदियों का अस्तित्व लगभग खत्म होने के कगार पर आ गया है। कहते हैं कि नदियां जीवनदायिनी होती हैं और पर्यावरण को संतुलित रखने में कारगर होती हैं। लेकिन जब नदियों के अस्तित्व के साथ ही खिलवाड़ शुरू हो जाए तो इसका असर मानव जीवन पर किस हद तक पड़ेगा इसकी कल्पना नहीं की जा सकती। कुछ ऐसा ही सुकड़ी नदी, बड़का पांगन नदी और ठेमा नदी में हो रहा है। पहले इन नदियों की चौड़ाई ज्यादा थी। इनमें पानी का बहाव तेज गति से होता था। लेकिन अवैध खनन के नाते इन नदियों का अस्तित्व ही लगभग समाप्ति की ओर है। क्षेत्र के अशोक कुमार गुप्ता, रामज्ञान, रमाशंकर, गोपाल प्रसाद गुप्ता, प्रमुख, कन्हैया लाल, बालकेश्वर, रामदेव, लल्लन प्रसाद का कहना है कि पहले वे नदियों में नहाने जाते थे। नदियां पिकनिक स्पाट के रूप में थीं, जहां हर वर्ष भारी संख्या में लोग पिकनिक मनाने जाते थे। लेकिन अब नाले जैसा रूप लेने से लोग यहां नहीं जाते। नदी के बीच में घास उग आई है। अब इन नदियों में मवेशी घास चरते नजर आते हैं। इतना ही नहीं पागन नदी से बालू का खनन जोरों पर होने के कारण उससे सटी सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। वजह कि ओवरलोड वाहनों के संचालन से सड़क गड्ढे में तब्दील हो रही है। उधर एसडीएम दुद्धी रमेश कुमार यादव का कहना है कि नदियों का अस्तित्व बचाने के लिए प्रशासन की ओर से प्रयास किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि नदियों में अवैध खनन न हो। इसको लेकर पिछले दिनों बेलहरा टोगा, सांगोबांध में पांगन नदी के पास छापेमारी की गई थी। इस दौरान वहां पर डंप बालू मिला था, जिसे सीज कर दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। आगे भी नदियों का अस्तित्व बचाने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जाती रहेगी। साथ ही लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वे नदियों के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर तत्काल प्रशासन को सूचना दें ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।