आदिवासियों के डीहबाबा है मड़वड़िया नाथ

क्षेत्र के आदिवासियों का जीवन सदैव कई अछ्वुत मिथकों से भरा रहा है। ईश्वर के प्रति उनके विश्वास से कई ऐसे पहलू सामने आते हैं जो प्रकृति के संरक्षण को उनके जीवन का स्वभाविक प्रवृति दर्शाते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 Feb 2020 05:33 PM (IST) Updated:Thu, 06 Feb 2020 05:33 PM (IST)
आदिवासियों के डीहबाबा है मड़वड़िया नाथ
आदिवासियों के डीहबाबा है मड़वड़िया नाथ

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : क्षेत्र के आदिवासियों का जीवन सदैव कई अद्भुत मिथकों से भरा रहा है। ईश्वर के प्रति उनके विश्वास से कई ऐसे पहलू सामने आते हैं जो प्रकृति के संरक्षण को उनके जीवन का स्वभाविक प्रवृति दर्शाते हैं। ओबरा परियोजना कालोनी के सबसे ऊंचे स्थान पर सैकड़ों वर्षों से क्षेत्र के आदिवासियों के डीहबाबा मड़वड़िया नाथ का दरबार है। 

रेणुका नदी के तटवर्ती गांव के सुरक्षा प्रहरी की तरह मौजूद  मड़वड़िया नाथ बाबा के प्रति आदिवासियों में श्रद्धा काफी ज्यादा मानी जाती है।  पनारी एवं बिल्ली मारकुंडी ग्राम पंचायत के  तमाम गांव के  डीह बाबा को भगवान शिव का रूप माना जाता है।  नगर के सेक्टर-3 स्थित पहाड़ी पर सनसेट पॉइंट के बगल में स्थित दरबार पर्यटकों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र रहता है।  इसके धार्मिक पक्ष की बात की जाए तो यहां कई विशेष मौके पर कभी पूजा अर्चना होती थी। क्षेत्रीय आदिवासी यहां मंत्रों को जागृत करने बलि चढ़ाने जैसे कई अनुष्ठान करते थे।यही नहीं इस स्थान से 10 किमी तक दूर बसे गांव के लोग प्रात: उठने पर अपने गांव से ही इस स्थान की और प्रणाम कर अपनी दैनिकचर्या को शुरू करते थे। डीह बाबा तक नहीं बनी सीढ़ी

पुराने लोगों की मानें तो जब साठ के दशक में यहां ओबरा तापीय तापीय परियोजना का निर्माण शुरू हुआ था तब तक यहां पहुंचने के लिए भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ता था  लेकिन, परियोजना प्रशासन द्वारा इसी दरबार के बगल में पानी टंकी बनाने के साथ इस पहाड़ के सबसे ऊंचे स्थान सनसेट प्वाइंट तक सीढ़ी बना दिया गया। इससे यहां तक आना आसान हो गया। हालांकि सनसेट प्वाइंट से मड़वड़िया नाथ बाबा दरबार तक अभी सीढ़ी नहीं बनी है। इसके कारण डीह बाबा दरबार ज्यादा संरक्षित नहीं हो पाया। वर्तमान में पनारी क्षेत्र की नई पीढ़ी में डीह बाबा दरबार को लेकर खास उत्साह और श्रद्धा नहीं दिख रही है। इसके कारण अब इस स्थान पर पारम्परिक कार्यक्रम अब नगण्य हालत में हैं। इसी पहाड़ के नीचले हिस्से पर मौजूद प्रसिद्ध बाबा भूतेश्वर दरबार की देखरेख करने वाली महारुद्र सेवा समिति द्वारा ही यहां पर कभी कभी पूजा अर्चना की जाती है। आमतौर पर इस स्थान तक आने वालों की संख्या अब काफी कम हो गई है। आम पर्यटकों की मानें तो यहां से रेणुका पार का सुन्दर नजारा दिखाई पड़ता है।  इस दरबार से नगर के  दक्षिण और पश्चिम के हिस्सों को देखना काफी सुकून भरा होता है। यहां से रेणुका नदी, ओबरा पावर हाउस, चकाड़ी, गुरुड, कड़िया, ओबरा डैम सहित कोदैला की पहाड़ी श्रृंखलाओं को आसानी से देखा जा सकता है।  महारुद्र सेवा समिति यहां तक सीढ़ी निर्माण की लगातार मांग करती रही है।  लेकिन सीढ़ी नहीं होने के कारण पहाड़ियों पर चढ़कर यहां तक पहुंचा जाता है।  कुल मिलाकर   मड़वड़िया नाथ बाबा  का दरबार रेणुका के तटवर्ती क्षेत्रों के वृहंगम दृश्य देखने के साथ आदिवासियों की संस्कृति को देखने का उचित स्थान लगता है।

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