रेलवे में र¨नग स्टाफ की भारी कमी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेलवे को भारी राजस्व देने वाले धनबाद मंडल के गढ़वा-¨सगरौली रेलखंड में संचालन कररहे कर्मचारियों की भारी कमी होती जा रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Jul 2018 09:04 PM (IST) Updated:Fri, 20 Jul 2018 09:04 PM (IST)
रेलवे में र¨नग स्टाफ की भारी कमी
रेलवे में र¨नग स्टाफ की भारी कमी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : रेलवे को भारी राजस्व देने वाले धनबाद मंडल के गढ़वा-¨सगरौली रेलखंड में ट्रेन संचालन कर रहे कर्मचारियों की भारी कमी होती जा रही है। मुख्यत: मालवाहक मार्ग होने के कारण इस पर रेल परिचालन पूरी तरह समयनुसार होना चाहिए। ऐसे में र¨नग स्टाफ की कमी आने वाले दिनों में दिक्कतें बढ़ा सकती हैं। रेलवे में र¨नग स्टाफ को महत्वपूर्ण कड़ी के तौर पर माना जाता है। वर्तमान में र¨नग स्टाफ की कमी का आंकड़ा 40 फीसदी तक पहुंच गया है। इससे ट्रेनों के संचालन में भारी असुविधा हो रही है। आने वाले दिनों में दोहरीकरण और विद्युतीकरण के पूरा होने के बाद इस मार्ग पर ट्रेनों की व्यस्तता बढ़ेगी। ऐसे में र¨नग स्टाफ में कमी बड़ी दिक्कतें पैदा कर सकती है । र¨नग स्टाफ की कमी से खतरा

¨सगरौली में लोको पायलट गुड्स 81 में 56 है। मेल एक्सप्रेस पायलट 10 में 3 हैं। पैसेंजर पायलट चार हैं। सहायक लोको पायलट 101 में से 75 हैं। शंटर लोको पायलट 20 में से 2 हैं। वहीं चोपन में 71 की जगह 31 लोको पायलट गुड्स हैं। मेल एक्सप्रेस के लिए 4, पैसेंजर के लिए 8 में से 3 ही हैं। वहीं सहायक भी 98 में से 62 ही हैं। इसी प्रकार कृष्णशिला में 65 गुड्स पायलट, 51 सहायक पायलट, शक्तिनगर में 40 पायलट, 40 सहायक व रेणुकूट में 16 पायलट 34 सहायक है। इसमें लोको पायलट गुड्स में 38 नए बने हैं जिनकी ट्रे¨नग जारी है। इस सेक्शन में र¨नग पायलटों को लगातार 3 से 4 रेस्ट काटकर गाड़ी चलवाई जा रही है, जो सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करता है। रेल हादसों से बढ़ी ¨चता

पिछले एक वर्ष के दौरान हुए बड़े रेल हादसे ने जहां पूरे देश को हिलाकर रख दिया है वहीं अब लोको र¨नग स्टाफ की पीड़ा भी सामने आने लगी है। आल इंडिया लोको र¨नग स्टाफ एसोसिएशन ने दु:ख जताते हुए कहा कि रेल विभाग को अब सोचना होगा कि र¨नग स्टाफ से मशीनों की तरह काम नही लिया जा सकता है। एसोसिएशन के धनबाद मंडल के संगठन सचिव आरपी मेहता ने बताया कि ट्रैक पर चलने वाली गाड़ियां पूरी तरह र¨नग स्टाफ के भरोसे होती है लिहाजा उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहना जरूरी होता है।

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