कार्ड पोर्टेबिलिटी से राशन लेना हुआ आसान

अगर आपका घर ऐसे दुरुह क्षेत्र में है जहां स्कूल की बेहतर व्यवस्था नहीं है। अपने लाडले को पढ़ाने के लिए आप वहां से 50 किमी दूर जिला मुख्यालय से सटे इलाके में रहकर बच्चों को पढ़ाते हैं। कोई छोटी-मोटी नौकरी करते हैं तो सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन लेने के लिए आपको अपने मूल गांव में बार-बार जाने की जरूरत नहीं है। आपका राशनकार्ड अगर वहां से बना है तो जिले के किसी भी ब्लाक के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र की दुकान से खाद्यान्न ले सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 06:00 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jan 2020 06:00 PM (IST)
कार्ड पोर्टेबिलिटी से राशन लेना हुआ आसान
कार्ड पोर्टेबिलिटी से राशन लेना हुआ आसान

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अगर आपका घर ऐसे दुरुह क्षेत्र में है, जहां स्कूल की बेहतर व्यवस्था नहीं है। अपने लाडले को पढ़ाने के लिए आप वहां से 50 किमी दूर जिला मुख्यालय से सटे इलाके में रहकर बच्चों को पढ़ाते हैं। कोई छोटी-मोटी नौकरी करते हैं तो सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान से राशन लेने के लिए आपको अपने मूल गांव में बार-बार जाने की जरूरत नहीं है। आपका राशनकार्ड अगर वहां से बना है तो जिले के किसी भी ब्लाक के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र की दुकान से खाद्यान्न ले सकते हैं।

..जी हां, यह सबकुछ संभव है खाद्य एवं रसद विभाग की राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी व्यवस्था के जरिए। इस व्यवस्था से कोई भी उपभोक्ता किसी भी गांव की सरकारी सस्ते की दुकान से खाद्यान्न ले सकता है। आपूर्ति विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यह व्यवस्था अगर ठीक से लागू कर दी जाए और इसकी कुछ खामियों को दूर कर दिया जाए तो बहुत ही कारगार होगी। क्योंकि आज गांव के 40 फीसद लोग शहर में अपने बच्चे को पढ़ाने के लिए या नौकरी के उद्देश्य से रहते हैं। हर महीने उन्हें खाद्यान्न लेने के लिए अपने गांव आना पड़ता है। पोर्टेबिलिटी से वहीं पर खाद्यान्न मिल जाएगा। वह भी बिना किसी परेशानी के। अभी तक जिले में ग्रामीण से ग्रामीण पोर्टेबिलिटी के तहत 74 लोगों ने दूसरी दुकानों से खाद्यान्न लिया है। जबकि शहरी क्षेत्र में शहर से शहर की दुकानों पर पहुंचकर 114 लोगों ने दूसरी दुकान से खाद्यान्न लिया है। कैसे मिलता है खाद्यान्न

राशनकार्ड पोर्टेबिलिटी के तहत अगर आप गांव के किसी दुकान क्षेत्र के कार्डधारक हैं तो दूसरे ग्राम पंचायत में भी पहुंचकर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान पर अपना राशनकार्ड दिखाकर, उसका नंबर बताकर, अंगुठा लगा सकते हैं। उस आधार पर आपको वहीं से खाद्यान्न मिल जाएगा। इसी तरह से शहरी क्षेत्र के उपभोक्ताओं को शहरी क्षेत्र की दुकान से खाद्यान्न मिल जाएगा। हालांकि अभी इसमें तकनीकी कार्य बाकी हैं। जैसे स्टाक मैनेजमेंट और इंटरमीडिएटरी चालान जनरेशन, आदि पर कार्य किए जाए तो बेहतर होगा। कोटेदार व विभाग के लोग इसमें सुधार भी बात करते हैं। बोले अधिकारी..

जिले में पोर्टेबिलिटी लागू है। शहर से शहर और गांव से गांव क्षेत्र के उपभोक्ता खाद्यान्न ले सकते हैं। हालांकि इसमें अभी कुछ सुधार भी किया जा रहा है। जिससे कोटेदारों को भी दिक्कत न हो। अभी तक शहरी क्षेत्र में 114 व ग्रामीण क्षेत्र में 74 लोगों ने दूसरी दुकानों से खाद्यान्न लिया है।

- डा. राकेश तिवारी, डीएसओ

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