गरीबों में 4500 मास्क का किया वितरण
साल 2020 ने गहरे जख्म दिए हैं। पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ गई। नौकरी छोड़कर लोगों को अपने घर तक आना पड़ा। लाकडाउन के दौरान जिले की होनहार शिक्षिका ने आनलाइन ट्रेनिग पढ़ाई व घर के काम के साथ लोगों की जिदगी को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तीन माह में 4500 मास्क का निर्माण कर गरीबों में बांटा।
अब्दुल्लाह, सोनभद्र : साल 2020 ने गहरे जख्म दिए हैं। पूरी दुनिया कोरोना महामारी की चपेट में आ गई। नौकरी छोड़कर लोगों को अपने घर तक आना पड़ा। लाकडाउन के दौरान जिले की होनहार शिक्षिका ने आनलाइन ट्रेनिग, पढ़ाई व घर के काम के साथ लोगों की जिदगी को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तीन माह में 4500 मास्क का निर्माण कर गरीबों में बांटा।
चतरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय सेंहुआ में तैनात प्रधानाध्यापिका जयश्री विश्वकर्मा ने अप्रैल, मई व जून 2020 में दीक्षा का आनलाइन प्रशिक्षण, छात्रों को आनलाइन पढ़ाने व घर के काम से खाली होने के बाद राबर्ट्सगंज के ब्रह्मानगर अपने आवास में मास्क की सिलाई करती रहीं। खुद के पैसे से कपड़ों की खरीदारी कर प्रतिदिन 50 मास्क बनाने के बाद उसे ग्रामीण अंचलों में गरीबों के बीच वितरित करती रहीं। दो मीटर कपड़े में 16 मास्क बनाईं। इस तरह तीन माह में उन्होंने 4500 मास्क बनाकर गरीबों में बांटा। एक मास्क बनाने में लगने वाले कपड़े का मूल्य आठ रुपये आया था। धागा, मेहनत आदि अलग रहा। मास्क बनाने के लिए शिक्षिका ने छह सौ से अधिक कपड़े की खरीदारी की। 20 रुपये प्रति मीटर के हिसाब से सिर्फ कपड़े की खरीददारी में ही उन्हें 12 हजार रुपये खर्च करने पड़े। जयश्री के इस हौसले को उनकी पुत्री आशा विश्वकर्मा व पति राजकुमार ने बढ़ाया और सहयोग करते रहे। आशा झारखंड राज्य के रांची में बीएएमएस कर रही हैं। जयश्री ने बताया कि गरीबों की मदद कर उनके मन को शांति मिली। कहती हैं कि समाज और लोगों की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है।