दो खदानों से निकला 370 करोड़ का कोयला

जागरण संवाददाता, सोनभद्र: दो कोयला खदानों की सीमा पर स्थित भू-भाग से 370 करोड़ रुपये का कोय

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Aug 2018 10:22 PM (IST) Updated:Fri, 10 Aug 2018 10:22 PM (IST)
दो खदानों से निकला 370 करोड़ का कोयला
दो खदानों से निकला 370 करोड़ का कोयला

जागरण संवाददाता, सोनभद्र: दो कोयला खदानों की सीमा पर स्थित भू-भाग से 370 करोड़ रुपये का कोयला खनन कर एनसीएल ने कोयला उद्योग के लिए नजीर पेश की है। इससे जहां देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी वहीं अन्य कोल परियोजनाओं के लिए भी नया रास्ता इजाद हुआ है।

अन्य प्राकृतिक संसाधनों की तरह कोयले का भंडार भी सीमित है। हमारे देश में ऊर्जा जरूरतों के 90 फीसद की पूर्ति कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं से ही होती है। कोयले का भंडार समाप्त हो जाने से देश की कई परियोजनाएं बंद होने की कगार पर पहुंच गई हैं। सरकार द्वारा आयेदिन नये इलाकों में कोयले के भंडार का पता लगाया जा रहा है। ऐसे में कोल इंडिया की प्रमुख अनुषंगी कंपनी एनसीएल द्वारा दो खदानों की सीमा पर स्थित भू-भाग से कोयला खनन की योजना बनाई गई। सर्वप्रथम निगाही व अमलोरी खदानों की सीमा का चयन किया गया। दो वर्ष पूर्व विशेषज्ञ अधिकारियों द्वारा दोनों खदानों की सीमा का विस्तृत अवलोकन किया गया। इस दौरान सीमा पर 18 मिलियन टन कोयला दबा होने का अनुमान लगाया गया। दो वर्षों से हो रहा कार्य

सीमा पर वर्ष 2016-17 से खनन कार्य प्रारंभ किया गया। पहले वर्ष 1.5 एमटी तथा दूसरे वर्ष 2 एमटी कोयला खनन किया जा चुका है। खनन कर निकाले गये कोयले का बाजार मूल्य 370 करोड़ रुपये आंकलित किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा अब शेष 14.5 एमटी कोयले को बाहर निकालने की योजना बनाई जा रही है। अन्य परियोजनाओं में लागू होगी योजना

अमलोरी व निगाही परियोजनाओं की सीमा पर खनन कार्य को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लिया जा रहा है। इसे अन्य परियोजनाओं की सीमा पर भी लागू किया जायेगा। इससे जहां क्षेत्र में स्थित कोयले का शत-प्रतिशत दोहन किया जा सकेगा वहीं कंपनी के उत्पादन-उत्पादकता में भी वृद्धि होगी।

-सीरज ¨सह, जनसंपर्क अधिकारी, एनसीएल।

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