पत्नी हंता को आजीवन कारावास

By Edited By: Publish:Thu, 18 Sep 2014 11:41 PM (IST) Updated:Thu, 18 Sep 2014 11:41 PM (IST)
पत्नी हंता को आजीवन कारावास

सीतापुर : अपर जिला जज अष्टम ने पत्नी की हत्या के मामले में पति को दोष सिद्ध करते हुए आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियोजन पक्ष के अनुसार थाना खैराबाद के इमलिया चिलवारा निवासी राजेंद्र मौर्या ने थाना कोतवाली में 12 नवंबर 2009 को रिपोर्ट पंजीकृत कराई थी कि उसकी पुत्री का विवाह घटना के डेढ़ वर्ष पूर्व वीरू पुत्र राम प्रसाद गौरिया झाल थाना तालगांव के साथ हिंदू रीति रिवाज से हुआ था। अतिरिक्त दहेज में मोटरसाइकिल की मांग मेरे दामाद द्वारा की जाती रही। मेरी पुत्री सोनू देवी, साढू़ राजकुमार के घर भैया दूज में गई थी। मेरा दामाद भी साथ में गया था। उसी दिन मैं भी सब्जी लेने सीतापुर आया था। देर होने के कारण साढू़ के घर आ गया। दामाद ने मोटरसाइकिल की मांग की। मना करने पर मेरा दामाद वीरू शाम पांच बजे पुत्री सोनू देवी की बांके से हत्या कर दी। लड़की की आवाज सुनकर मैं व साढ़ू दौड़े तो वीरू तालाब की ओर भागा और कोई नशीला पदार्थ खा लिया। पुलिस ने अभियोग पंजीकृत करते हुए दहेज हत्या के मामले में न्यायालय में आरोप पत्र प्रेषित किया। न्यायाधीश रवींद्र विक्रम सिंह ने दहेज हत्या के मामले के साथ-साथ हत्या के आरोप में विचारण किया। उभय पक्ष की बहस व दलीलों को सुनने के बाद अभियुक्त को दहेज हत्या में दोष मुक्त करते हुए हत्या का आरोप साबित होने पर आजीवन कारावास की सजा सुनाई तथा पांच हजार रूपए के अर्थदंड की सजा सुनाई। अभियोजन पक्ष की पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता बृजेंद्र अवस्थी ने की।

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