वैशाख पूर्णिमा पर चक्र व गोमती में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

सीतापुर वैशाख पूर्णिमा पर सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु नैमिषारण्य पहुंचे। लोगों न

By JagranEdited By: Publish:Mon, 16 May 2022 10:07 PM (IST) Updated:Mon, 16 May 2022 10:07 PM (IST)
वैशाख पूर्णिमा पर चक्र व गोमती में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
वैशाख पूर्णिमा पर चक्र व गोमती में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

सीतापुर : वैशाख पूर्णिमा पर सोमवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु नैमिषारण्य पहुंचे। लोगों ने चक्र तीर्थ व आदि गंगा गोमती में स्नान कर मंदिरों में दर्शन पूजन किया। सुबह से ही श्रद्धालु चक्रतीर्थ व गोमती नदी के राजघाट, दशाश्वमेघ घाट, देवदेवेश्वर घाट, रुद्रावर्त घाट पहुंचने लगे। श्रद्धालुओं ने तीर्थ में स्नान कर यथा शक्ति दान दक्षिणा अर्पित की। पितरों की शांति के लिए श्राद्ध व तर्पण भी किया। फिर ललिता देवी मंदिर में दर्शन किया और कन्याओं को भोज कराया। हनुमान गढ़ी, कालीपीठ, बालाजी मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, देवदेवेश्वर, सेतुबंध रामेश्वर, रुद्रावर्त, पहला आश्रम, नारदानंद आश्रम, त्रिशक्ति धाम, चारधाम, बाबा भूतेश्वरनाथ, व्यासगद्दी, सूतगद्दी, शौनक गद्दी आदि में दर्शन पूजन किया। पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचे थे। श्रद्धालुओं को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ा। नपा प्रशासन ने पानी की कोई व्यवस्था नहीं की। पूर्णिमा पर खैराबाद के भुइयां ताली तीर्थ में भी हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई और गौरी देवी मंदिर में पूजन किया। श्रद्धालुओं ने हरगांव के पौराणिक सूर्य कुंड में स्नान किया। रामकोट के गंगासागर तीर्थ में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। घाघरा नदी में स्नान कर सेवता के सोनासरि देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। महोली के कठिना नदी घाट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया।

पीपल की पूजा व तिल का दान होता

आचार्य सदानंद द्विवेदी ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा पर नदी व कुंड में स्नान व दान पुण्य दायक माना गया है। वैशाख माह की पूर्णिमा पर पीपल की पूजा से नवग्रह प्रसन्न होते हैं। पितरों की शांति के लिए तर्पण का विधान है। काले तिल के दान की भी परंपरा है।

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