श्रद्धा विश्वास के साथ मना कान्हा का जन्मोत्सव
मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होने के बाद उनकी स्तुति प्रार्थना की। दूध दही शहद गंगाजल से अभिषेक किया। उसके बाद नए वस्त्र धारण कराकर पालने में झुलाया।
सीतापुर: भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बुधवार को जिलेभर में धूमधाम से मनाया गया। मध्यरात्रि भगवान श्रीकृष्ण के जन्म होने के बाद उनकी स्तुति, प्रार्थना की। दूध, दही, शहद, गंगाजल से अभिषेक किया। उसके बाद नए वस्त्र धारण कराकर पालने में झुलाया। शंख, घंटा बजाकर भगवान की आरती की। फलों, पंचामृत, मिष्ठान का भोग लगाया।
सजाए गए शहर के मंदिर
जन्माष्टमी के मौके पर शहर के मंदिरों को भी सजाया गया था। जिनमें पीएसी स्थित भगवान श्रीकृष्ण मंदिर आकर्षक लग रहा था। वैसे तो यहां हर वर्ष भक्तों की जबरदस्त भीड़ रहती थी। लेकिन इसबार कोरोना संक्रमण के चलते आमजन के प्रवेश पर रोक लगा दी गई थी। इसलिए केवल पीएसी के लोग ही मंदिर में पहुंचे और पूजन अर्चन किया। यहां प्रतीकात्मक रूप से वसुदेव द्वारा भगवान श्रीकृष्ण को यमुना पार करते समय की झांकी बनाई गई थी। वहीं शहर के चांदी वाले हनुमान मंदिर को भी झालरों से सजाया गया था।
नैमिषारण्य के मंदिरों में हुई पूजा
नैमिषारण्य : नैमिष तीर्थ के विभिन्न मंदिरों, आश्रमों एवं घरों में धूमधाम से मनाया गया। आदिशक्ति मां ललिता देवी मंदिर, शीतला देवी मंदिर, भूतेश्वरनाथ, हनुमान गढ़ी, व्यासगद्दी, सूत गद्दी, मनु सतरूपा तपस्थली, कालीपीठ मंदिर, ललिता आश्रम, बालाजी मंदिर, श्री सत्यनारायण सन्निधि मंदिर, गौड़ीय मठ, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, रामजानकी मंदिर, देवपुरी मंदिर, नारदानंद आश्रम, पहला आश्रम समेत कई मंदिर, मठ एवं धार्मिक स्थलों पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से सजाकर मनाया गया। मंदिरों में चरणामृत, बूंदी एवं रबड़ी का प्रसाद वितरण हुआ