कम तौल के लिए धनौरा के सचिव के निलंबन की संस्तुति
एसडीएम सबसे पहले बढ़नी ब्लाक के धनौरा मुस्तहकम पहुंचे। साधन सहकारी समिति बंद मिला। एसडीएम के पहुंचने की सूचना पर आननफानन में सचिव भी केंद्र पर पहुंच गए। साढ़े दस बजे तक केंद्र न खुलने के संबंध में एसडीएम को कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके।
सिद्धार्थनगर : शुक्रवार को एसडीएम शिवमूर्ति सिंह ने धान क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया। लक्ष्य के सापेक्ष कमतौल होने पर केंद्र प्रभारियों पर नाराजगी दिखाई। बढ़नी ब्लाक के धनौरा मुस्तहकम केंद्र प्रभारी को निलंबित करने की संस्तुति की है। परसा के सचिव को अधिक से अधिक धान खरीदने की चेतावनी दी है।
एसडीएम सबसे पहले बढ़नी ब्लाक के धनौरा मुस्तहकम पहुंचे। साधन सहकारी समिति बंद मिला। एसडीएम के पहुंचने की सूचना पर आननफानन में सचिव भी केंद्र पर पहुंच गए। साढ़े दस बजे तक केंद्र न खुलने के संबंध में एसडीएम को कोई स्पष्टीकरण नहीं दे सके। तीन हजार लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 115 क्विंटल ही खरीद की गई है। एसडीएम ने शासन की मंशा के अनुरूप खरीद में रुचि न लेने पर सचिव नंद कुमार चौधरी को निलम्बित किए जाने तथा विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति की है। इसके बाद 10: 50 बजे साधन सहकारी समिति परसा स्टेशन पर पहुंचे। केंद्र खुला मिला। सचिव राम उजागिर उपस्थित मिले। लेकिन तीन हजार लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 613 क्विंटल खरीद करने पर नाराज हुए। अधिक खरीद करने की चेतावनी दिए।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदें
समाजवादी महिला सभा जिलाध्यक्ष व पूर्व नपा चेयरमैन चमन आरा राईनी एक दर्जन किसानों के साथ शुक्रवार की शाम चार बजे तहसील पर धमक गईं। वह धान खरीद में छलावा बने सरकारी क्रय केंद्रों व किसानों की परेशानी से आक्रोशित थीं। जिसके संबंध में मौजूद प्रभारी एसडीएम त्रिभुवन प्रसाद से वार्ता किया और मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंप समर्थन मूल्य पर ही आढ़तियों द्वारा भी धान खरीद किए जाने की मांग किया। ज्ञापन में सरकार द्वारा लागू समर्थन वर्तमान में किसानों के लिए दूर की कौड़ी बताया। कहा जिले स्थापित सरकारी क्रय केंद्र बोरों की कमी व जगह के अभाव का रोना रो रहे हैं। धान खरीद अधिकांश केंद्रों पर पूरी तरह ठप है। ऐसे में किसान अपनी उपज प्राइवेट खरीदारों से बेच रहे जिससे उन्हें सरकार के समर्थन मूल्य का लाभ नहीं मिल रहा। समर्थन मूल्य के अनुसार उपज न लेने पर उन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उनके साथ किसान किसान शाकिर अली, दयाशंकर पांडेय, बाबू लाल, राशिद अली, हीरा लाल यादव, राधेश्याम, गीता, लक्ष्मी कांत, राम बसारत, रामजीत शर्मा आदि मौजूद रहे।