संसाधन की समस्या सबसे बड़ी समस्या

ट्रैफिक पुलिस भी कोरम पूरा करने में जुटी है। इस माह के तहत अभी तक सवा करोड़ रुपये जुर्माना वसूल किया है। वहीं विभाग सीमित संसाधन का रोना रो रहा है। जो संसाधन हैं भी उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा। कर्मियों में इच्छाशक्ति भी नहीं दिखाई दे रही। निर्धारित के सापेक्ष कर्मियों की कमी है। व्यस्त चौराहे व तिराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिपाहियों की ड्यूटी नहीं लगती।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 10:25 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 10:25 PM (IST)
संसाधन की समस्या सबसे बड़ी समस्या
संसाधन की समस्या सबसे बड़ी समस्या

सिद्धार्थनगर : यातायात माह समाप्त होने वाला है। ट्रैफिक पुलिस भी कोरम पूरा करने में जुटी है। इस माह के तहत अभी तक सवा करोड़ रुपये जुर्माना वसूल किया है। वहीं विभाग सीमित संसाधन का रोना रो रहा है। जो संसाधन हैं भी उनका इस्तेमाल नहीं हो रहा। कर्मियों में इच्छाशक्ति भी नहीं दिखाई दे रही। निर्धारित के सापेक्ष कर्मियों की कमी है। व्यस्त चौराहे व तिराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिपाहियों की ड्यूटी नहीं लगती। कहीं ट्रैफिक सिग्नल भी नहीं लगा है। अगर कोई ड्यूटी पर आता भी है तो कहीं कोने में बैठकर आराम करते दिखाई पड़ जाएंगे। इनके सामने से ही वाहन चालक नियमों की अनदेखी कर गुजरते रहते हैं। एआरटीओ प्रशासन आशुतोष शुक्ला ने बताया कि ड्राइविग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया सरल हुई है। युवा वर्ग जागरूक हो गया है। इसीलिए ड्राइविग लाइसेंस बनवाने की गति बढ़ी है। जबकि कोरोना संक्रमण के कारण करीब चार माह तक विभागीय कार्यालय में काम नहीं हुआ था।

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21 के सापेक्ष 15 की तैनाती

पद नियतन संख्या रिक्त पद

ट्रैफिक दारोगा एक -

मुख्य आरक्षी पांच दो

आरक्षी 15 चार बने ड्राइविग लाइसेंस

वित्तीय वर्ष संख्या

एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 5940

एक अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2020 8274

एक अप्रैल 2020 से 25 नवंबर तक 9635

सीओ ट्रैफिक प्रदीप कुमार यादव ने कहा कि यातायात माह में वाहन चालकों को जागरूक किया जा रहा है। उन्हें नियम की जानकारी दी जा रही है। सुरक्षित रहते हुए दूसरे की सुरक्षा का ध्यान देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सीमित संसाधन में यातायात पुलिस बेहतर काम कर रही है। अभियान को आगे भी जारी रखा जाएगा।

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