लाकडाउन जरूरी पर गेहूं कटाई की चिंता

कोरोना के खौफ के बीच बहुत सारे किसान सुरक्षित रहते हुए सरसों व मटर की फसल कटाई में व्यस्त तो हैं मगर अधिकांश किसान घरों में रहकर लाकडाउन का पालन कर रहे हैं। इनकी सबसे बड़ी चिता गेहूं की कटाई को लेकर है। बाहर से आने वाले मजदूर इस बार आएंगे नहीं कंबाइन की क्या व्यवस्था रहेगी इसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Mar 2020 09:51 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 06:09 AM (IST)
लाकडाउन जरूरी पर गेहूं कटाई की चिंता
लाकडाउन जरूरी पर गेहूं कटाई की चिंता

सिद्धार्थनगर : कोरोना के खौफ के बीच बहुत सारे किसान सुरक्षित रहते हुए सरसों व मटर की फसल कटाई में व्यस्त तो हैं, मगर अधिकांश किसान घरों में रहकर लाकडाउन का पालन कर रहे हैं। इनकी सबसे बड़ी चिता गेहूं की कटाई को लेकर है। बाहर से आने वाले मजदूर इस बार आएंगे नहीं, कंबाइन की क्या व्यवस्था रहेगी, इसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं है। हालांकि कुछ किसानों ने साफ तौर पर कहा कि जिस प्रकार कोरोना बीमारी घातक है, उसको देखते हुए सुरक्षित रहना ज्यादा जरूरी है, फसल का क्या होगा, बाद में देखा जाएगा। ऐसे कुछ किसानों से जागरण ने गुरुवार को बातचीत की।

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यह समय किसानों के लिए किसी बुरे दौर से कम नहीं है। बे-मौसम बारिश ने पहले काफी बर्बाद किया। अब कोरोना बीमारी को लेकर संकट है। फिलहाल प्रधानमंत्री के आह्वान पर घरों में रहकर लाकडाउन का पालन कर रहे हैं, आगे क्या होगा, देखा जाएगा।

हरिराम पाण्डेय, गागापुर

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बेमौसम बारिश ने सरसों व मटर की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया। जो बची थी उसकी सुरक्षित रहकर कटाई कराई जा रही है। बड़ी चिता यह है कि गेहूं की कटाई कैसे होगी, अभी इसको लेकर कोई इंतजाम नहीं है।

राकेश, अहिरौली पड़री

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लाक डाउन के चलते घर पर ही परिवार के बीच रहते हैं। पशुओं के चारे के लिए दिक्कतें आ रही हैं, जैसे-तैसे व्यवस्था बना रहे हैं। कुछ दिन गेहूं तैयार हो जाएगा, मगर कटाई कैसे होगी, कुछ सूझ नहीं रहा है।

मोहर लाल, बडुइया

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कोरोना के कारण घर पर दिन बीत रहा है। हर कोई खौफ में है, मगर सुरक्षित बचने के लिए प्रधानमंत्री के लाक डाउन का सभी को पालन करना चाहिए। देश व यहां के लोग सुरक्षित रहें, यही कामना है, खेती-किसानी बाद की बात है।

सच्चिदानंद मिश्र, दुफेड़िया मिश्र

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कोरोना वायरस को लेकर चिता है, गेहूं की फसल कैसे कटेगी, अभी कोई व्यवस्था नहीं बन रही है। किसी तरह पशुओं के चारे का इंतजाम हो पा रहा है। लाक डाउन के चलते घरों में ही वक्त कट रहा है।

भीखू यादव, सुकालोजोत

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