पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों ने दिया धरना

कलेक्ट्रेट पर धरना देते हुए कर्मचारी संगठन के महामंत्री सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि जब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाते है तो राज्य सरकार उनकी आवाज को दबाने का काम करती है। सरकार द्वारा कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का दबाव बनाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 11:32 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 11:32 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों ने दिया धरना
पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कर्मचारियों ने दिया धरना

सिद्धार्थनगर: पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को लेकर केंद्र व राज्य कर्मचारियों को समान काम समान वेतन दिलाने सहित 17 सूत्रीय मांगों को लेकर गुरुवार को धरना प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार हमारे हितों को लेकर गंभीर नहीं है। कर्मचारियों के संबंध में किए गए अपने एक भी वादे को अभी तक पूरा नहीं कर रही है। जिसको लेकर कर्मचारियों में रोष है।

अखिल भारतीय कर्मचारी व राज्य कर्मचारी श्रम संगठनों ने प्रधानमंत्री को संयुक्त पत्र भेजा। कलेक्ट्रेट पर धरना देते हुए कर्मचारी संगठन के महामंत्री सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि जब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाते है तो राज्य सरकार उनकी आवाज को दबाने का काम करती है। सरकार द्वारा कर्मचारियों को जबरन रिटायर करने का दबाव बनाया जा रहा है। महंगाई पर रोक लगाए जाने को लेकर ठोस कदम उठाए जाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रेल, रक्षा व बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए। स्कीम वर्कर्स, आंगनबाड़ी, आशा, एमडीएम रसोइया, रोजगार सेवक, चौकीदार, पार्को व स्मारकों में कार्यरत कर्मियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाय। कर्मचारियों का न्यूनतम मानदेय 28 हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश के सभी विद्युत निगमों को निजी कंपनियों के हाथों में देने से रोका जाना चाहिए। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार को कर्मचारी हितों से कोई लेना देना नहीं है। जिसको लेकर कर्मचारियों में रोष है। इस दौरान राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह, विनोद त्रिपाठी, हरीशचन्द्र पांडेय, आशुतोष मिश्रा, राजेश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।

बैंक हड़ताल से हलकान रहे ग्राहक

भारतीय स्टेट बैंक को छोड़ अन्य बैंकों में हड़ताल के कारण ग्राहकों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। जानकारी न होने के कारण कैश जमा करने व निकासी करने बैंक पहुंचे ग्राहकों को निराशा के साथ वापस लौटना पड़ा। जिले भर में स्थित यूनियन बैंक, बड़ौदा यूपी बैंक, बैंक आफ इंडिया सहित अन्य बैंक की शाखाओं में गुरुवार को तालाबंदी होने के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी। कर्मचारियों के हड़ताल के कारण ही बैंकों के एटीएम भी सूखे रहे। जिससे लोगों को जरूरत भर का कैश नहीं मिल सका।

जिला मुख्यालय, उस्का बाजार, बर्डपुर, लोटन, सिकरी, जोगिया, बढ़नी, इटवा, बांसी, डुमरियागंज, शोहरतगढ़ आदि जगहों पर स्थित स्थित उक्त सभी बैंक की शाखाओं पर ताला लगा रहा। उस्का बाजार में सुबह पैसा निकालने बैंक पहुंचे क्षेत्र के दिलीप, इम्तियाज, सुरेंद्र, पंचम, आमिना आदि लोगों ने बताया कि हड़ताल की जानकारी न होने से वे लोग बैंक आ गए परंतु पैसा न निकलने से वापस होना पड़ रहा है। एस्मा लागू होने के बाद भी बैंक में हड़ताल

जहां सरकार ने कोरोना के बढ़ते दायरे के वजह से राज्य ने एस्मा के तहत प्रदेश में छह माह के लिए हड़ताल पर रोक लगा दिया है, बावजूद गुरुवार बड़ौदा यूपी बैंकों पर हड़ताल देखा गया। उपभोक्ता बैंक परिसर में आने के बाद हड़ताल का बोर्ड देख कर घर को वापस हो गए। कुछ तो इंटरनेट पोर्टल पर एस्मा के बावजूद बैंकों पर हड़ताल को लेकर कटाक्ष करते दिखे। शाखा प्रबंधक दिनेश दूबे से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि आज कैशियर लोग हड़ताल पर हैं इसलिए लेनदेन में समस्या हुई।

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हड़ताल पर रहे कर्मी

भारतीय जीवन बीमा निगम के कर्मी गुरुवार एक दिवसीय हड़ताल पर रहे, जिसके चलते प्रीमियम जमा करने का कोई कार्य नहीं हुआ न ही नई आइडी जारी हुई। संगठन इकाई मंत्री रणंजय कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि बेरोजगारी, निजीकरण, आउटसोर्सिंग भर्ती, श्रम कानून में तब्दीली आदि को लेकर हड़ताल किया गया है। अजीजुर्रहमान, ओमप्रकाश, राहुल, अश्वनी, शैलेष, शौम्या कसौधन आदि मौजूद रहे।

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