नेपाल में बिगड़े हालात, अंतरराष्ट्रीय सीमा 31 मई तक सील

भूकंप त्रासदी से नेपाल अभी उबर भी नहीं पाया था कि कोरोना वायरस ने उसे और भी तबाह कर दिया है। यहां अब तक 357 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें 36 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो चुकी है। कपिलवस्तु जनपद में क‌र्फ्यू लगा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा 31 मई तक के लिए सील कर दी गई

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 May 2020 10:13 PM (IST) Updated:Tue, 19 May 2020 06:04 AM (IST)
नेपाल में बिगड़े हालात, अंतरराष्ट्रीय सीमा 31 मई तक सील
नेपाल में बिगड़े हालात, अंतरराष्ट्रीय सीमा 31 मई तक सील

सिद्धार्थनगर: भूकंप त्रासदी से नेपाल अभी उबर भी नहीं पाया था कि कोरोना वायरस ने उसे और भी तबाह कर दिया है। यहां अब तक 357 कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। इसमें 36 ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो चुकी है। कपिलवस्तु जनपद में क‌र्फ्यू लगा है। अंतरराष्ट्रीय सीमा 31 मई तक के लिए सील कर दी गई है।

नेपाल के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय के सह प्रवक्ता डॉ. समीर कुमार अधिकारी के अनुसार राजधानी से सटे सिन्धुपाल्चोक जिले की 29 साल की एक महिला की मौत हुई है। नेपाल में कोरोना से यह पहली मौत है। रविवार को बांके जिला नरैनापुर वार्ड नंबर पांच के एक युवक की मौत हुई है। सिद्धार्थनगर से सटे नेपाल के कपिलवस्तु जिले में 21 लोगों के पॉजिटिव मिलने से प्रमुख जिलाधिकारी दीर्घ नारयण पौडेल ने जिले की दांग, प्यूठान, रुपन्देही की अंतरिम सीमा को भी सील करा दिया है।

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सिद्धार्थनगर में नेपाल के 106 लोग फंसे

सिद्धार्थनगर जनपद में नेपाल के कुल 106 लोग चार जगह क्वारंटाइन हैं। 40 लोगों को आश्रम पद्धति स्कूल में रखा गया है। 25 लोग बढ़नी तो अन्य दो स्कूलों में हैं। इनके लिए प्रशासन ने भोजन, पानी और रहने की समुचित व्यवस्था की है। ऐसे में भारत के विभिन्न राज्यों में फंसे नेपाली नागरिकों के स्वदेश लौटने के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। भारत से सिर्फ खाद्यान और पेट्रोलियम पदार्थ का निर्यात किया जा रहा है। अन्य सामानों की आपूर्ति बाधित है।

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पर्यटन उद्योग को झटका

सिद्धार्थनगर: नेपाल में कोरोना संकट गहराने से पर्यटन उद्योग को तगड़ा झटका लगा है। काठमांडू, पोखरा, चितवन, लुम्बिनी समेत नेपाल के पर्यटक स्थल जहां सूने पड़े हैं, वहीं अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। सत्तर फीसद आर्थिक स्त्रोत का जरिया होटल और पर्यटन उद्योग हैं। कपिलवस्तु के सांसद अभिषेक प्रताप शाह का कहना है कि भूकंप के बाद नेपाल में यह दूसरी बड़ी विपदा है। इससे नेपाल को अरबों रुपये का नुकसान हुआ है।

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