हक के लिए आशा बहुओं का अनशन

सिद्धार्थनगर : केन्द्र व प्रदेश सरकार ने योग्यताधारी आशा बहुओं को प्रमोशन देने के साथ स्थाई कर्मचारी

By Edited By: Publish:Sun, 19 Apr 2015 08:59 PM (IST) Updated:Sun, 19 Apr 2015 08:59 PM (IST)
हक के लिए आशा बहुओं का अनशन

सिद्धार्थनगर : केन्द्र व प्रदेश सरकार ने योग्यताधारी आशा बहुओं को प्रमोशन देने के साथ स्थाई कर्मचारी दर्जा देने का वायदा किया था। दोनों सरकारें सत्ता में आने के बाद आशा बहुओं के समस्याओं को समाधान के लिए आगे नहीं आ रहे है। जिसके आमजन के साथ जच्चा बच्चा के सेहत का ख्याल रखने वाली आशा बहुओं की हालत मनरेगा मजदूरों से बदतर है।

यह बातें आशा संघ की प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश नंदिनी पांडेय ने कहीं। वह रविवार को कलेक्ट्रेट पर महिला जागो हक मांगो प्रकोष्ठ के बैनर तले आयोजित दो दिवसीय अनशन को संबोधित कर रही थी। कहा कि आशा बहुओं की तैनाती मे बाहरी लोगों का चयन न किया जाए। गोरखपुर से आयी आशा बहू बबिता ¨सह ने कहा कि यहां के आशा संगिनी का मानदेय भुगतान धड़ल्ले से किया जा रहा है। मगर गोरखपुर जैसे जिले में आशा संगिनी का मानदेय कई माह से बकाया है। मंडल अध्यक्ष दीपलली पांडेय ने कहा कि मोदी सरकार हमारी समस्याओं को समाधान शीघ्र नहीं किया तो संयुक्त राष्ट्र के सचिव मून के शरण में जाना मजबूरी होगी।

अनशन को रीता गोस्वामी, शकुन्तला, उर्मिला, मुन्ना देवी, प्रेमशीला, किरन, निरुपमा, किशलावती, मनोरमा, बेबी, सुशीला, परवीन, गुड़िया, उपासना, गायत्री, शांति, मालती, नैनमति, दुर्गावती, बसंती, फूल मति आदि की मौजूदगी रही।

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