खुद ही रची अपहरण की साजिश

By Edited By: Publish:Sun, 17 Aug 2014 08:04 PM (IST) Updated:Sun, 17 Aug 2014 08:04 PM (IST)
खुद ही रची अपहरण की साजिश

सिद्धार्थनगर : कथित अपहृतों को पुलिस शनिवार सभी के सामने लेकर आयी। उसके पीछे की कहानी सुनकर हर कोई दंग रह गया। पता चला दोनों युवकों ने साथियों की मदद से अपने ही अपहरण का ताना-बाना बुना था। बांसी, स्वाट व सर्विलांस पुलिस की संयुक्त टीम ने उक्त युवकों को बरामद करने के साथ उनके दो साथियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। उनका नाम सोनू तिवारी पुत्र रामकृपाल निवासी गोरवलिया बांसी थाना खजनी जनपद गोरखपुर, बंटी उर्फ संतोष शाही पुत्र ध्रुव शाही निवासी कस्बा व थाना सोनौली जिला महराजगंज है। कथित अपहृतों का नाम संतोष पाण्डेय व सुनील पाण्डेय है।

गत 12 अगस्त को बांसी कोतवाली के पिपरा फरदंग निवासी जोखू पाण्डेय की तहरीर पर कोतवाली पुलिस ने उनके पट्टीदार मनोज पाण्डेय व 3 अन्य सहित चार के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर मामले की छानबीन में जुटी थी। विवेचना के दौरान सुबह लगभग 5 बजे कोतवाली पुलिस, स्वाट व सर्विलांस टीम को पता चला कि अपहृत अभियुक्त फजिहतवा नाला (हाल्ट मिश्र) के पास घटना में शामिल अभियुक्त मौजूद है। सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर दबिश दिया और सोनू तिवारी, बंटी उर्फ संतोष पकड़े गए। उनके साथ ही पुलिस ने संतोष व सुनील को भी पकड़ा। छानबीन के दौरान ज्ञात हुआ कि उन्होंने स्वयं घटना की साजिश रची थी। ऐसा करके वह अपने विपक्षी को फंसाना चाहते थे। उनके पास से एक 315 बोर का कट्टा, दो जिंदा कारतूस, दो कार, एक मोटरसाइकिल, चार मोबाइल भी पुलिस ने बरामद किया है। घटना उक्त चारों के अलावा अनूप यादव व रतनलाल चौधरी का नाम भी प्रकाश में आया है। वह अभी फरार है। पुलिस ने बरामदगी के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 770/14, धारा 3/25 आ‌र्म्स एक्ट, मुकदमा अपराध संख्या 771/14 धारा 379, 411 व 211, 419, 420, 467, 468, 471, 473 भादवि पंजीकृत किया है। पुलिस टीम में एसएचओ बांसी विजय कुमार शर्मा, उपनिरीक्षक बांसी राजकिशोर यादव, चौकी इंचार्ज डिढई जयशंकर मिश्र, अरविन्द यादव, जुबेर अली, स्वाट टीम प्रभारी गिरजेश उपाध्याय, कांस्टेबल नागेन्द्र यादव, सुनील सिंह, मुबारक अली थाना उस्का बाजार, प्रमोद सिंह स्वाट टीम, देवेश यादव सर्विलांस, राकेश कन्नौजिया सर्विलांस, रविन्द्र यादव सर्विलांस आदि शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक के.के.चौधरी ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस टीम को उनकी तरफ पांच व डीआईजी की तरफ से पांच-पांच हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया गया है।

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