सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म, बैरंग लौट रहे मरीज

शामली : सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म हो गई है, जिसके चलते अस्पताल से मरीजों को

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 Dec 2018 10:47 PM (IST) Updated:Thu, 13 Dec 2018 10:47 PM (IST)
सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म, बैरंग लौट रहे मरीज
सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म, बैरंग लौट रहे मरीज

शामली : सरकारी अस्पताल में एंटी रेबीज वैक्सीन खत्म हो गई है, जिसके चलते अस्पताल से मरीजों को बैरंग ही लौटना पड़ रहा है। उक्त इंजेक्शन के लिए अस्पताल प्रशासन ने सोमवार को आकर पता करने के लिए कहा है। साथ ही कहा कि वैक्सीन का आर्डर तो भेज दिया है, लेकिन कब तक आएगी। कुछ पता नहीं। हालांकि, चिकित्साधिकारी ने इंजेक्शन खत्म होने से इनकार किया है।

लिलौन निवासी दीवान ¨सह, खेड़ी निवासी सुधीर कुमार, वाल्मीकि मोहल्ला निवासी सोमती देवी को कुत्ते ने काट लिया, जिसके 72 घंटे के भीतर रविवार को इन्होंने पहला इंजेक्शन लगवा लिया था। गुरुवार को दूसरा इंजेक्शन लगवाने को सरकारी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें अस्पताल स्टाफ ने बताया कि इंजेक्शन खत्म हो गए हैं।

इस संबंध में चिकित्साधिकारी डा. रमेश चंद्रा का कहना है कि अस्पताल के कर्मचारी की मां के निधन के चलते हो सकता हो कि इंजेक्शन न लग पाए हों। उनकी जानकारी के अनुसार इंजेक्शनों की कोई कमी नहीं है।

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रोजाना पहुंचते हैं दो दर्जन से अधिक मरीज

सीएचसी शामली में रोजाना औसतन 30 मरीजों को एंटी रेबीज इंजेक्शन लगाया जाता है। हालांकि उक्त इंजेक्शन लगवाने को आए मरीजों में सौ से अधिक मरीज दूसरे ब्लॉक के निवासी होते हैं। जिले के साथ ही मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना, फुगाना से भी मरीज इंजेक्शन लगवाने यहां आते हैं। सरकारी अस्पताल में इंजेक्शन मुफ्त लगता है, जबकि मेडिकल स्टोर पर एंटी रेबीज वैक्सीन 350 से 400 रुपये में मिलती है। रेबीज के लक्षण

-रेबीज रोगी को पानी और रोशनी से डर लगता है।

-दिमाग के साथ गला भी इस रोग की चपेट में आ जाता है।

-रोगी के नाक और मुंह से लार निकलती है और रोग बढ़ने पर वह भौंकना भी शुरू कर देता है।

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अक्सर रहती है इंजेक्शन की किल्लत

सरकारी अस्पताल में अक्सर एंटी रेबीज इंजेक्शन की कमी बनी रहती है। इसी के चलते सिर्फ शामली विकास खंड क्षेत्र के निवासियों को इंजेक्शन लगाने की व्यवस्था है। मरीज का पहले आधार कार्ड देखा जाता और फिर इंजेक्शन लगाया जाता है।

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ये होता है कोर्स

पहला इंजेक्शन कुत्ता या बंदर के काटने के 72 घंटे के भीतर, दूसरा इंजेक्शन तीन दिन के बाद, तीसरा इंजेक्शन सात दिन बाद, चौथा इंजेक्शन 14 दिन बाद, पांचवां इंजेक्शन 28 दिन बाद लगवाया जाता है।

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