नगर पंचायत व विद्युत निगम में तकरार, कब्जा व बिल को लेकर छिड़ी रार

जलालाबाद: विद्युत विभाग के नगर पंचायत जलालाबाद को एक लाख 85 हजार का नोटिस जारी करने और नग

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Mar 2018 11:04 PM (IST) Updated:Sun, 18 Mar 2018 11:04 PM (IST)
नगर पंचायत व विद्युत निगम में तकरार, कब्जा व बिल को लेकर छिड़ी रार
नगर पंचायत व विद्युत निगम में तकरार, कब्जा व बिल को लेकर छिड़ी रार

जलालाबाद: विद्युत विभाग के नगर पंचायत जलालाबाद को एक लाख 85 हजार का नोटिस जारी करने और नगर पंचायत कार्यालय पर बिजली विभाग के कार्यालय पर कब्जे को लेकर रार छिड़ गई है। नगर पंचायत व विद्युत विभाग ने एक-दूसरे को नोटिस देकर चेतावनी जारी कर दी है। नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी का दावा है कि 40 सालों से नगर पंचायत का कोई बिल जारी नहीं हुआ और न ही इस तरह का कोई कनेक्शन ही फाइलों में स्वीकृत है। ईओ का दावा है कि उल्टा विद्युत विभाग ने ही पांच सालों से नगर पंचायत भवन में अवैध कब्जा किया है। ईओ ने साफ किया कि वे अब नगर पंचायत से विद्युत निगम का कब्जा हटवाएंगे। विद्युत निगम के बिल सालों से नगर पंचायत में जमा किए जाते है। आज यानी सोमवार को बिल जमा होने है लेकिन नगर पंचायत के अधीशासी अधिकारी ने बिल जमा कराने से इंकार कर दिया है।

विद्युत निगम ने नगर पंचायत को जलालाबाद में स्थित कार्यालय पर एक लाख 85 हजार 282 रुपये का बकाया निकालते हुए 13 मार्च को नोटिस दिया है। नगर पंचायत ने इसका जवाब देते हुए कहा कि विद्युत निगम का कार्यालय परिसर में पांच साल से चला आ रहा है। कैंप कार्यालय को अवैध कब्जा मानते हुए तत्काल नोटिस जारी कर खाली करने के आदेश दिए। ईओ शैलेंद्र मिश्रा ने जानकारी दी कि सन् 1975 से कार्यालय का कोई कनेक्शन नहीं है। बिना कनेक्शन नगर पंचायत कार्यालय को एक लाख 85 हजार 282 रपये का बिल बकाया नोटिस दिया जो सरासर गलत है। निगम ने पांच वर्ष से बिना अनुमति, किराया पर विद्युत कैंप कार्यालय संचालित कर रखा है। अवैध कब्जा हटाओ अभियान में विद्युत निगम को अवैध कब्जा हटाने का नोटिस दिया गया है।

उधर, विद्युत जेई आलोक कुमार का कहना है कि नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी के पद नाम कार्यालय का कनेक्शन 703 ए 617066552 स्वीकृत है, जब से कनेक्शन स्वीकृत है, तब से बिल जमा नहीं कराया गया है। पांच साल से अवैध कब्जा नहीं है। पूर्व चेयरमैन रमा अशरफ खान ने उन्हें नगर पंचायत कार्यालय में कैंप कार्यालय के लिए कार्यालय दिया था।

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पांच साल से कहा सो रहा था निगम

विद्युत निगम व नगर पंचायत कार्यालय में बिल व अवैध कब्जे को लेकर छिड़ी रार में सब कुछ गोलमाल दिख रहा है। जेई पांच साल से नगर पंचायत को कनेक्शन जारी होने का दावा करते हुए एक लाख 85 हजार का बिल नोटिस दे रहे है। ऐसे में सवाल उठता है कि पांच हजार रुपये के बाद ही किसानों, आम आदमी पर एफआइआर दर्ज कराने वाले अधिकारी पांच साल से कहा सो रहे थे, जब पांच साल से कनेक्शन हुआ तो बिल की सुध क्यों नहीं ली गई। शासन से राजस्व वसूली का दबाव पड़ा तो अब एकाएक नोटिस जारी कर दिया गया है।

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10-20 हजार पर एफआइआर, दो लाख पर नोटिस

क्षेत्र में विद्युत विभाग ने हाल ही में दर्जनों लोगों पर एफआइआर कराई है। इसके लिए सपा कार्यकर्ताओं ने एसई से भी शिकायत की थी कि 10 हजार के बकाएदारों के खिलाफ एफआआर दर्ज हो रही है, जबकि बड़े बकाएदारों को छोड़ा जा रहा है। गरीबों का उत्पीड़न कर विद्युत विभाग कार्रवाई दिखा रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि विद्युत अधिकारियों का सांठगांठ का खेल जारी है। ऐसे में गरीब व आमजन पिस रहा है, जबकि राजनीतिक पहुंच व से¨टग-गे¨टग के दम पर कार्रवाई शून्य है। ऐसे में नगर पंचायत पर पांच साल का बकाया बिल अब एक साथ नोटिस भेजना समझ से परे है।

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