गन्ना लदे वाहनों से लगेगा जाम, निपटने के नहीं इंतजाम

अगले माह से चीनी मिलें चालू हो जाएंगी और शहर में फिर से जाम का संकट गहराएगा। हर साल पेराई सत्र में सात से आठ माह तक समस्या रहती है। जाम के झाम की समस्या कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। तमाम व्यापारी संगठन विभिन्न स्तरों पर मांग उठाते रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 26 Sep 2021 09:16 PM (IST) Updated:Sun, 26 Sep 2021 09:16 PM (IST)
गन्ना लदे वाहनों से लगेगा जाम, निपटने के नहीं इंतजाम
गन्ना लदे वाहनों से लगेगा जाम, निपटने के नहीं इंतजाम

शामली, जागरण टीम। अगले माह से चीनी मिलें चालू हो जाएंगी और शहर में फिर से जाम का संकट गहराएगा। हर साल पेराई सत्र में सात से आठ माह तक समस्या रहती है। जाम के झाम की समस्या कम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। तमाम व्यापारी संगठन विभिन्न स्तरों पर मांग उठाते रहे हैं।

करीब डेढ़ साल पहले प्रशासन ने क्रय केंद्र बाहर बनाने की योजना पर विचार किया था, लेकिन बात नहीं बन सकी। पेराई सत्र में लगने वाले जाम में एंबुलेंस भी फंसी रहती हैं और मरीज की जान पर बन आती है। दरअसल, चीनी मिल का रास्ता शहर के बीच से होकर जाता है। गन्ने की आवक बढ़ने, चीनी मिल में खराबी आदि पर गन्ना लदे ट्रैक्टर-ट्रालियों की कतार लग जाती है और शहर में जाम ही जाम रहता है।

----

इसलिए नहीं बनी बात

क्रय केंद्र पर गन्ना आपूर्ति के सापेक्ष चीनी मिल गेट पर गन्ना आपूर्ति का दाम कुछ अधिक मिलता है। योजना यह थी कि शहर में गन्ना सात रास्तों से आता है और सभी पर शहर के बाहर क्रय केंद्र लगा दिया जाए। लेकिन ऐसा करने पर चीनी मिल को पूरी व्यवस्था करनी पड़ती और किसानों को क्रय केंद्र का भाव मिलता। ऐसे में सहमति नहीं बनी थी। हालांकि चीनी मिल ने मेरठ-करनाल रोड पर ट्रकों के लिए यार्ड बनाया है। क्रय केंद्रों से गन्ना लेकर आने वाले ट्रक पहले यहां खड़े होते हैं।

----

अब तक लीपापोती ही हुई

पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम दास गर्ग ने कहा कि पेराई सत्र अक्टूबर में शुरू हो जाएगा। इससे पहले पुलिस, प्रशासन के अधिकारियों, व्यापारियों और चीनी मिल प्रबंधन की एक संयुक्त बैठक हो। अब तक इस समस्या पर लीपापोती होती रही है। सीजन शुरू हो जाएगा तो कुछ होगा ही नहीं। जाम के कारण व्यापार बुरी तरह प्रभावित होता है। कोरोना के प्रभाव से व्यापारियों को काफी नुकसान हो चुका है। हर स्तर पर मुखरता से अपनी पीड़ा को उठाएंगे। व्यापारी पंकज गुप्ता, संजय कुमार का कहना है कि जाम की समस्या से हर कोई परेशान रहता है। इसका कोई समाधान निकलना ही चाहिए।

----

इन्होंने कहा..

शहर के बाहर क्रय केंद्र लगाकर मिल गेट का गन्ना लेने की योजना पर सहमति नहीं बन सकी थी। लेकिन चीनी मिल प्रबंधन को निर्देशित किया जाएगा कि ट्रैक्टर-ट्रालियों की लाइन एक साइड में लगवाई जाए और व्यवस्था को संभालने में पर्याप्त गार्ड आदि की व्यवस्था हो।

-अरविद कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी, शामली यार्ड बनने से कुछ समस्या कम हुई है। चीनी मिल के गार्ड व्यवस्था संभालेंगे और पूरा प्रयास रहेगा कि यातायात व्यवस्था प्रभावित न हो। अगर जाम की स्थिति बनती है तो इंडेंट भी कम जारी किया जाता है।

-विजय बहादुर सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, शामली

chat bot
आपका साथी