इमदाद से बढ़ सकता बासमती का स्वाद

शाहजहांपुर : दस्यु सरगना कल्लू की कटरी से विख्यात रहा कलान तहसील का इलाका अब पांच सितार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 24 Jan 2018 10:45 PM (IST) Updated:Wed, 24 Jan 2018 10:45 PM (IST)
इमदाद से बढ़ सकता बासमती का स्वाद
इमदाद से बढ़ सकता बासमती का स्वाद

शाहजहांपुर : दस्यु सरगना कल्लू की कटरी से विख्यात रहा कलान तहसील का इलाका अब पांच सितारा होटलों में पहचाना जाएगा। दरअसल गंगा, रामगंगा व बहगुल की कटरी में पैदा होने वाली बासमती का स्वाद ही खास है। लेकिन सरकार की उपेक्षा को किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। इससे उनकी ¨जदगी में समस्याओं की कड़वाहट से घिरी हुई है। किसानों को सरकार से उम्मीद भी है। उनका कहना है कि यदि सरकार बासमती उत्पादन के लिए विशेष इमदाद व विपणन की स्थानीय स्तर पर व्यवस्था कर दे तो कटरी की बासमती का स्वाद दुनिया में छा जाएगा।

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बदायूं व बरेली में होती बिक्री

मोटे धान के सापेक्ष बासमती का भाव अधिक मिलता है। कटरी के किसानों ने हजारों बीघा में बासमती धान की खेती कर रहे। लेकिन स्थानीय स्तर पर मंडी के अभाव व बिक्री के अन्य साधन न होने से किसानों को उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। इसका फायदा बिचौलिए उठाते हैं। वह किसानों से बासमती की खरीद कर उसे बदॉयू की म्याऊ बाजार व देवचरा बरेली में बिक्री करके किसानों से अधिक कमाई कर लेते।

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दिल्ली व राजस्थान में होती आपूर्ति

कटरी की बासमती को बरेली व बदायूं के व्यापारी दिल्ली व राजस्थान भेजते हैं। कुछ सीधे चावल की आपूर्ति करते तो कई धान ही भेजते हैं। गंगा, रामगंगा की नदी क्षेत्र की बासमती का स्वाद अहम है। गत वर्षों में सरकार की ओर से भूमि सुधार योजना के तहत बीहड़ जमीन को उपजाऊ भी बनाया जा चुका है।

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बासमती की पैदावार में मेहनत बहुत है। लेकिन उचित मूल्य नहीं मिल पाता। दरअसल स्थानीय स्तर पर उपज बिक्री की कोई सुविधा नहीं है। यदि सरकार बिक्री के प्रबंध कर दे तो राहत मिल सकती है।

दाताराम, किसान

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कटरी की बासमती के चावल से दिल्ली, राजस्थान के होटल तक महकते हैं। लेकिन किसानों की जीवन में कड़वाहट घुल रही। इसकी मुख्य वजह लागत के सापेक्ष कीमत का न मिलता है। सरकार को कुछ राहत पैकेज देकर कटरी की दशा में सुधार का प्रयास करना चाहिए।

राघवेद्र, किसान

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कलान में मंडी की व्यवस्था नहीं है। इससे फसल को उचित मूल्य नहीं मिल पाता। बाहर से भी व्यापारी यहां नहीं आते। मजबूरी में हम लोग खरीद करके धान की आपूर्ति बदायूं व बरेली को करते। यदि विपणन को बेहतर व्यवस्था हो जाए तो किसानों के साथ व्यापारियों का भी कारोबार बेहतर हो जाएगा।

दिनेश गुप्ता, व्यापारी

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बासमती की तरह ही अन्य फसलों की उपज का भी उचित मूल्य नहीं मिल पाता। बाढ़ आने पर किसानों की फसल नष्ट हो जाती है। कलान तहसील को ही सरकार विशेष पैकेज दे। इससे किसानों की हालत में सुधार आएगा और क्षेत्र का विकास होगा।

महेश पाल, व्यापारी

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