महानगर को सुविधाओं की दरकार

यह तस्वीर किसी पार्किंग की नहीं बल्कि शहर की सबसे मुख्य कचहरी रोड की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Apr 2019 12:02 AM (IST) Updated:Thu, 04 Apr 2019 12:02 AM (IST)
महानगर को सुविधाओं की दरकार
महानगर को सुविधाओं की दरकार

जेएनएन, शाहजहांपुर : यह तस्वीर किसी पार्किंग की नहीं, बल्कि शहर की सबसे मुख्य कचहरी रोड की है। इस तरह का हाल यहां के अन्य चौराहों व सड़कों पर नजर आ जाएगा। 24 अप्रैल 2018 को नगर पालिका से नगर निगम बनने के बाद शाहजहांपुर में काम तो कई शुरू हुए, लेकिन अब भी सुविधाएं उतनी बेहतर नहीं हैं। हालांकि सफाई बेहतर हुई, सड़कें चौड़ी हुईं अमृत योजना से पेयजल सुविधाएं मुहैया कराने व पार्कों के सुंदरीकरण के प्रयास हो रहे हैं, लेकिन सुनियोजित और समग्र विकास के लिए बहुत काम होना बाकी है।

नये क्षेत्र हुए शामिल

नगर निगम बनने से 15 नये क्षेत्र शामिल हो गए हैं, जिनमें जलालनगर बाहर चुंगी, अजीजगंज का शेष भाग, नवादा इंदेपुर का शेष भाग, लालपुर, शहर खास बाहर दक्षिणी चुंगी, तराई, अहमदपुर आदि शामिल हैं। अमृत योजना :- 14 हजार लगभग पानी के निश्शुल्क कनेक्शन देने की तैयारी है।

- 3645 कनेक्शन पेयजल पुर्नगठन योजना के तहत दिये जा चुके हैं।

- 4 ओवरहेड टैंकों का महानगर में कराया जा रहा है योजना से निर्माण। सुंदरीकरण - 68 लाख की लागत से शहीद अशफाक उल्ला खां पार्क का सुंदरीकरण।

- 3 करोड़ 75 लाख की लागत से शहीद उद्यान में कराया जाएगा काम। - 70 लाख से शहीद रमेश चंद्र व गांधी पार्क में कराया गया है काम।

ये भी हुए प्रयास सड़क : शहर में फुटपाथ खत्म कर सड़कें चौड़ी करने का काम शुरू हो गया। लकड़ी मंडी, जेल रोड सहित कई अन्य प्रमुख स्थानों से अतिक्रमण हटाया गया है।

स्ट्रीट लाइट : महानगर में 120 एलईडी स्ट्रीट लाइट लगवाई गईं, लगभग 26 बड़े पोल लगवाकर प्रमुख स्थानों पर लाइट लगवाई गई। मुहल्लों के बोर्ड लगवाए गए स्वच्छ भारत मिशन - अधिकारियों ने वार्डों में जाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया।

- लोगों को कूड़ा प्रेमी व स्वच्छता सम्राट के प्रमाण पत्र भी दिये गये।

- रोजाना 123.75 टन कूड़ा महानगर में निकलता है, जिसमें 30 फीसद गीला कूड़ा।

- दो समय लगायी जा रही है यहां झाड़ू, ककरा कलां मैदान में डंप किया जा रहा।

- कूड़े से खाद बनाने के लिए लगाया गया प्लांट, हालांकि यह काम नहीं कर रहा।

- स्कूल व कालेजों में बन रहे कम्पोस्ट पिट। निगम को ओडीएफ का दर्जा मिला।

इनमें चाहिए सुधार -

पार्किंग : शहर में जाम सबसे बड़ी समस्या है। इसमें बीच सड़क खड़े होने वाले वाहन सबसे बड़ा कारण हैं। वाहनों की पार्किंग बनायी गईं। लोगों के वाहनों के चालान हुए, लेकिन बाद में स्थिति जस की तस हो गई। - कूड़ा निस्तारण : कूड़ा निस्तारण के लिए कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कूड़े से बिजली बनाने के प्लांट का प्रस्ताव पास कराया। हालांकि एमओयू साइन होने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ।

- आवारा पशु : आवारा पशुओं को पकड़कर गोशाला में भेजना था। महानगर में 358 पशु चिह्नित किये गये थे, लेकिन 100 ही गोशाला में भेजे जा सके हैं। अन्य पशु अब भी सड़कों पर घूम रहे हैं।

- प्रधानमंत्री आवास : नगरीय क्षेत्र में 3011 लाभार्थियों में से सिर्फ 2200 को ही दूसरी किश्त अब तक मिल पायी है। जबकि चयनित 3300 अन्य लाभार्थियों को पहली किश्त भी नहीं मिल पायी है।

- सीवेज : महानगर का सीवेज सिस्टम नालों पर आधारित है, जिस कारण जरा सी बारिश में अब भी शहर पानी-पानी हो जाता है। सीवर लाइन की मांग अब तक पूरी नहीं हो पायी है।

फैक्ट फाइल - 40 वार्ड थे नगर पालिका में

- 60 वार्ड हो गए निगम में

- 33.37 वर्ग किमी. था पालिका का क्षेत्रफल

- 51.41 वर्ग किमी. हो गया निगम का क्षेत्रफल

- 3 लाख 27 हजार से बढ़कर 3 लाख 57 हजार हुई आबादी

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