Swami Chinmayanand Case: चिन्मयानंद की जमानत के खिलाफ पीडि़ता पहुंची सुप्रीम कोर्ट Shahajahanpur News

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने पर एलएलएम छात्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।

By Abhishek PandeyEdited By: Publish:Thu, 20 Feb 2020 12:33 PM (IST) Updated:Thu, 20 Feb 2020 09:25 PM (IST)
Swami Chinmayanand Case: चिन्मयानंद की जमानत के खिलाफ पीडि़ता पहुंची सुप्रीम कोर्ट Shahajahanpur News
Swami Chinmayanand Case: चिन्मयानंद की जमानत के खिलाफ पीडि़ता पहुंची सुप्रीम कोर्ट Shahajahanpur News

जेएनएन, शाहजहांपुर : दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे अटल बिहारी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे स्वामी चिन्मयानंद को मिली जमानत को पीडि़ता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। गुरुवार को पीडि़ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ से याचिका पर जल्द सुनवाई का अनुरोध किया। पीठ ने अनुरोध स्वीकार करते हुए सोमवार को सुनवाई की सहमति दे दी। 

पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को दुष्कर्म मामले में हाईकोर्ट से जमानत मिलने और ब्लैकमेलिंग मामले में अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने पर एलएलएम छात्रा सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। छात्रा की ओर से कोर्ट में न्याय के लिए याचिका दायर की गई है। बताया जा रहा है कि मामले में कोर्ट की ओर से सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई की जाएगी। दुष्कर्म पीड़ित छात्रा के पिता ने दैनिक जागरण से फोन पर बातचीत में इसकी पुष्टि भी की है। उनका कहना है कि मामले में न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी गई है। इससे ज्यादा कुछ भी बताने से उन्होंने इन्कार कर दिया। बता दें कि बीती तीन फरवरी को हाईकोर्ट ने चिन्मयानंद की जमानत मंजूर की थी। जिसके बाद पांच फरवरी को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था। 

यह है मामला 

24 अगस्त को एलएलएम छात्रा ने अपने फेसबुक अकाउंट पर वीडियो अपलोड किया था। जिसके बाद वह लापता हो गई थी। इसी दिन चिन्मयानंद के वकील ओम सिह ने अज्ञात के खिलाफ पांच करोड़ की रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया था। अगले दिन 25 अगस्त को उसके पिता की ओर से चौक कोतवाली में तहरीर दी गई थी कि फेसबुक वीडियो देखने पर पता चला कि कॉलेज प्रबंधक चिन्मयानंद और अन्य लोगों ने छात्रा का शारीरिक शोषण, दुष्कर्म और जानमाल की धमकी दी है। 27 अगस्त को वकीलों के पैनल की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया, जिसके बाद उसी दिन चिन्मयानंद पर अपहरण व धमकी देने का मुकदमा दर्ज हुआ था। 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने छात्रा को सुरक्षित बरामद कर पेश करने का आदेश दिया था। 30 अगस्त को पुलिस ने राजस्थान के दौसा जिले से छात्रा को बरामद कर सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। छात्रा के बयान के बाद कोर्ट के आदेश पर तीन सितंबर को शासन ने आइजी नवीन अरोड़ा के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया था। पांच सितंबर को छात्रा ने दिल्ली के लोधी कालोनी थाने में चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की जीरो क्राइम नंबर पर एफआइआर कराई दर्ज थी। इस मामले में चिन्मयानंद को एसआइटी ने 20 सितंबर को जेल भेजा गया था और हाईकोर्ट ने आरोपित को तीन फरवरी को जमानत देते हुए मामले की सुनवाई के लिए पत्रावली को शाहजहांपुर से लखनऊ स्थानांतरित कर दिया था। 

छात्रा के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट

समाज में बदनाम करने की धमकी देकर चिन्मयानंद से पांच करोड़ की अवैध मांग करने की आरोपित एलएलएम छात्रा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने बुधवार को यह निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तारीख चार मार्च तय की है। कोर्ट की ओर से आरोपित के जमानतदारों को भी नोटिस भेजने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, आरोपित एलएलएम छात्रा न तो कोर्ट में हाजिर हुई थी और न ही उसकी तरफ से हाजिरी माफी की अर्जी ही दी गई थी। जिस पर कोर्ट ने आरोपित के खिलाफ वारंट और जमानतदारों के खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस प्रकरण का न्यायालय ने छह नवंबर 2019 को संज्ञान लिया था, लेकिन आरोपितों की गैरहाजिरी के चलते अभी तक उन पर आरोप तय नहीं किए जा सके हैं। 

दो महीने 19 दिन बाद चिन्मयानंद को मिली थी जमानत 

चिन्मयानंद को छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में एसआइटी ने 20 सितंबर 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उसी दिन उनसे ब्लैकमेलिंग के आरोपित संजय सिंह, विक्रम सिंह व सचिन सेंगर को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। जबकि 25 सितंबर को ब्लैकमेलिंग के आरोप में दुष्कर्म पीड़ित छात्रा को भी एसआइटी ने गिरफ्तार किया था। चिन्मयानंद की ओर से हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी, जिस पर 16 नवंबर को बहस पूरी हो गई, लेकिन हाईकोर्ट ने फैसला सुनाने की बजाय सुरक्षित रख लिया था। इस बीच छात्रा व तीनों आरोपित युवकों की जमानत मंजूर हो गई और वे जेल से बाहर भी आ गए थे, लेकिन चिन्मयानंद को दो महीने 19 दिन के लंबे इंतजार के बाद चिन्मयानंद को राहत मिली थी। हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका मंजूर कर ली थी।

हाईकोर्ट ने जमानत देते हुए की थी गंभीर टिप्पणी

चिन्मयानंद को जमानत देते हुए हाई कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि दोनों पक्षों ने अपनी सीमाएं लांघी। इस समय यह कह पाना मुश्किल है कि किसने किसका शोषण किया। दोनों ने एक दूसरे का इस्तेमाल किया।

टाइमलाइन में जाने कब क्या हुआ 24 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के मुमुक्षु आश्रम द्वारा चलाए जा रहे एसएस लॉ कॉलेज के 23 वर्षीय लॉ छात्रा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा उत्पीडऩ और यौन शोषण का आरोप लगाते हुए अपने फेसबुक वॉल पर एक वीडियो पोस्ट वायरल। 25 अगस्त:  लॉ छात्रा लापता हो गई, पिता ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।  26 अगस्त: स्वामी चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह ने खुलासा किया कि अज्ञात नंबर से पांच करोड़ की फिरौती मांगी, रिपोर्ट दर्ज कराई। 26 अगस्त एसपी ने छात्रा की बरामदगी के लिए तीन टीमें गठित की। आरोपों की जांच कोतवाल को सौंपी गई। 27 अगस्त:  जिला पुलिस ने स्वामी चिन्मयानंद व अन्य के खिलाफ अपहरण और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज की। 30 अगस्त: लॉ छात्रा को यूपी पुलिस ने दौसा (राजस्थान) में मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के पास उसके एक दोस्त के साथ पाया। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की को पेश करने के आदेश दिए। इस मामले में वीडियो वारयल हुआ। वीडियो में स्वामी चिन्मयानंद के होने का दावा किया। इसमें वह लड़की से मसाज करा रहे थे।  2 सितंबर: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि लॉ छात्रा द्वारा लगाए गए स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) टीम का गठन किया जाए। कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से मामले में दर्ज दो क्रॉस एफआइआर में जांच की निगरानी के लिए एक बेंच गठित करने का आग्रह किया। 3 सितंबर: यूपी के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश मिलने के बाद यूपी डीजीपी ने आइजी नवीन अरोड़ा के अधीन एसआइटी का गठन किया। 4 सितंबर: चिन्मयानंद ने अपने शैक्षणिक संस्थानों को बदनाम करने के लिए उनके खिलाफ एक साजिश का आरोप लगाया। 10 सितंबर:  चिन्मयानंद और एक लड़की के बीच मालिश का एक कथित वीडियो वायरल हुआ।  12 सितंबर: एसआइटी ने स्वामी चिन्मयानंद से करीब सात घंटे तक पूछताछ की। स्वामी का कमरा भी सील कर दिया। चिन्मयानंद के बिना अनुमति आश्रम से बाहर निकलने पर भी रोक लगा दी गई है। साथ ही जांच पूरी होने तक उनके शाहजहांपुर से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई है। 14 सितंबर: लॉ स्टूडेंट के पिता ने एक पेन ड्राइव एसआइटी को सौंपी, जिसमें चिन्मयानंद के 43 वीडियो क्लिप थे। 16 सितंबर: छात्रा को कोर्ट लाया गया। इस दौरान सुरक्षा काफी कड़ी रही। छात्रा सुबह 10 बजे जेएम प्रथम कोर्ट में पहुंची और बयान दर्ज कराने के बाद दोपहर 2:42 बजे कोर्ट से निकली। करीब पौने पांच घंटे तक कोर्ट की कार्यवाही चली, जिसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच छात्रा को घर भेज दिया गया। धारा 164 से तहत छात्रा के कलमबंद बयान दर्ज किए जाने के बाद देर शाम स्वामी चिन्मयानंद की हालत अचानक बिगड़ गई। रात करीब आठ बजे मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट डॉक्टरों की टीम आश्रम में उनके आवास दिव्य धाम पहुंची और उपचार किया। 18 सितंबर : चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज न होने से नाराज छात्रा अपने पिता व भाई के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंची। यहां छात्रा ने कहा कि स्वामी की गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह आत्महत्या कर लेगी। एसआइटी भी उसे इस मामले में कुछ नहीं बता रही है। इसलिए वह और भी व्यथित है, इस बात की जानकारी छात्रा के पिता ने दी है। 20 सितंबर : एसआइटी ने चिन्मयानंद को उनके आश्रम से गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। जबकि संजय, विक्रम और सचिन को चिन्मयानंद से ब्लैकमेलिंग में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।  25 सितंबर : एसआइटी ने छात्रा को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाते हुए जेल भेज दिया था। बीती नवंबर में एसआइटी ने मामले में कोर्ट में अपनी चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री डीपीएस राठौर और भाजयुमो के पूर्व जिला महामंत्री अजीत सिंह को भी ब्लैकमेलिंग का आरोपित बनाया था। छह नवंबर : एसआइटी की ओर से जांच पूरी करते हुए सीजेएम कोर्ट में दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग मामले में चार्जशीट दाखिल की गई। 

कब कौन हुआ रिहा 04 दिसंबर : ब्लैकमेलिंग की आरोपित दुष्कर्म पीड़ित छात्रा की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हुई।  11 दिसंबर : दुष्कर्म पीड़ित छात्रा को जमानत पर जेल से रिहा किया गया।  22 दिसंबर : ब्लैकमेलिंग का आरोपित विक्रम सिंह जेल से रिहा।  2 जनवरी : ब्लैकमेलिंग के आरोपित सचिन सेंगर को किया गया जेल से रिहा। 2 जनवरी : समन जारी होने पर ब्लैकमेलिंग के आरोपित डीसीबी चेयरमैन डीपी सिंह कोर्ट में हुए पेश।  8 जनवरी : वारंट जारी होने पर भाजयुमो के पूर्व जिला मंत्री अजीत सिंह हुए पेश। 18 जनवरी : ब्लैकमेलिंग का आरोपित छात्रा का दोस्त संजय सिंह जेल से हुआ रिहा।  3 फरवरी : चिन्मयानंद की हाईकोर्ट से जमानत मंजूर हुई।   5 फरवरी : चिन्मयानंद की जमानत पर जेल से रिहाई हुई। 

chat bot
आपका साथी