Laddu Gopal : 'डॉक्टर साहब, मेरे लड्डू गोपाल को ठीक कर दो, उन्हें चोट लग गई है', मूर्ति हाथ में लेकर फूट-फूटकर रोया युवक

घटनाक्रम मंगलवार का है। सुजानपुर निवासी रिंकू लड्डू गोपाल को स्नान करा रहे थे। इसी दौरान उनके हाथ से मूर्ति छूट गई।उन्होंने मूर्ति को उठाया इसके बाद 108 एंबुलेंस को बुला लिया। चालक से जिद कर मूर्ति को लेकर नौ किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार पहुंचे। यहां चिकित्सक को मूर्ति दिखाते हुए चोट लगने का उपचार करने की गुहार लगाई।उनकी भक्ति का यह रूप देख सभी दंग रह गए।

By Narendra Yadav Edited By: Mohammed Ammar Publish:Thu, 28 Mar 2024 12:02 PM (IST) Updated:Thu, 28 Mar 2024 12:02 PM (IST)
Laddu Gopal : 'डॉक्टर साहब, मेरे लड्डू गोपाल को ठीक कर दो, उन्हें चोट लग गई है', मूर्ति हाथ में लेकर फूट-फूटकर रोया युवक
Laddu Gopal : मेरे लड्डू गोपाल को ठीक कर दो डाक्टर साहब, उन्हें लग गई चोट

संवाद सूत्र, खुटार : चर्चित भजन भगत के बस में हैं भगवान..., की तरह विकासखंड खुटार के सुजानपुर गांव में मामला सामने आया है। यहां के रहने वाले कृष्ण भक्त रिंकू ने लड्डू गोपाल की मूर्ति के गिर जाने पर उनके उपचार के लिए एंबुलेंस बुला ली। वह लड्डू गोपाल को एंबुलेंस से नौ किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सक के उपचार से मना करने पर रो रोकर उपचार का आग्रह किया।

चिकित्सक ने जब लड्डू गोपाल को पूरी तरह स्वस्थ बताते हुए ढांढस बंधाया जब जाकर कृष्ण भक्त रिंकू माने। उनकी अगाध भक्ति का इंटरनेट मीडिया पर वीडियो भी प्रसारित हो रहा है।

स्नान कराते हुए हाथ से छूटी थी मूर्ति

घटनाक्रम मंगलवार का है। सुजानपुर निवासी रिंकू लड्डू गोपाल को स्नान करा रहे थे। इसी दौरान उनके हाथ से मूर्ति छूट गई।उन्होंने मूर्ति को उठाया, इसके बाद 108 एंबुलेंस को बुला लिया। चालक से जिद कर मूर्ति को लेकर नौ किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुटार पहुंचे। यहां चिकित्सक को मूर्ति दिखाते हुए चोट लगने का उपचार करने की गुहार लगाई।उनकी भक्ति का यह रूप देख सभी दंग रह गए।

चिकित्सक के नाराजगी जताने पर रिंकू फूट फूटकर रोने लगे। इसके बाद उन्हें कुर्सी पर बैठा दिया गया। आस-पास के तमाम लोग मौके पर पहुंच गए। चिकित्सक ने कहा कि तुम्हारे लड्डू गोपाल बिल्कुल ठीक हैं, लेकिन वह गोद में मूर्ति रखकर इलाज कराने की जिद पर अड़े रहे।

वीडियो हो रहा वायरल

करीब तीन घंटे तक समझाने के बाद जैसे-तैसे रिंकू को वापस घर भेजा गया। उनका मूर्ति के साथ रोते वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। रिंकू के पिता कई माह से गुजरात में ईंट भट्टे पर काम कर रहे है। जबकि रिंकू घर में खोखा रखकर परर्चून का सामान बेचते है। प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. संजीव कुमार ने बताया कि रिंकू मानसिक रूप से परेशान लग रहे थे। उन्हें समझाकर घर भेज दिया गया है।

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