कोरोना को हराएंगे, बच्चे घर में कार्टून बनाएंगे

बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए कार्टूनिस्ट सैफ असलम खां ने क्रिएटिव लॉकडाउन शुरू किया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Mar 2020 10:47 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 06:09 AM (IST)
कोरोना को हराएंगे, बच्चे घर में कार्टून बनाएंगे
कोरोना को हराएंगे, बच्चे घर में कार्टून बनाएंगे

अंबुज मिश्र, शाहजहांपुर : कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण घूमने-फिरने का प्लान तो पहले ही रद हो गया था। लॉकडाउन से बच्चे चहारदीवारी में ही कैद हो गए हैं। न दोस्तों के साथ खेल सकते हैं और न ही पार्क में झूला झूलने जा सकते हैं। टीवी व मोबाइल से भी ऊब चुके कुछ बच्चे गली में निकल जाते हैं, जो सही नहीं है। बच्चों की बोरियत को दूर करने के लिए कार्टूनिस्ट सैफ असलम खां ने क्रिएटिव लॉकडाउन शुरू किया है। इसके लिए फेसबुक व वाट्सएप का सहारा लिया है।

दरअसल सैफ अब तक घर में मौजूद रिश्तेदारों के बच्चों को कार्टून बनाना सीखा रहे थे। लॉकडाउन की वजह से बच्चों तक नहीं पहुंच सकते इसलिए उन्होंने कुछ दिन पहले शुरू किए अपने पेज @स्द्धड्डद्धद्भड्डद्धड्डठ्ठश्चह्वह्मस्द्मद्गह्लष्द्धस्ह्लश्रह्मद्बद्गह्य पर अपना वाट्सएप नंबर जारी किया है। बच्चे घर में ड्राइंग बनाएंगे। जिन्हें अपने नाम पते के साथ उन्हें वाट्सएप करेंगे। ड्राइंग कोरोना के प्रति जागरूक करती होगी, जिसमें मॉस्क लगाना, अच्छे से हाथ धोना या सैनिटाइज करना, हाथ न मिलाना, साफ-सफाई आदि विषय होंगे। इनके आइडिया बच्चे अखबार से भी ले सकेंगे। इन ड्राइंग को सैफ पेज पर पोस्ट करेंगे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद बच्चों को पुरस्कृत करने के साथ ही अच्छी ड्राइंग वाले बच्चों को फ्री वर्कशॉप भी आगे क्रिएटिव एक्टिविटी भी करेंगे। शहर के मुहल्ला रंगीन चौपाल निवासी सैफ असलम खां फ्रीलांस कार्टूनिस्ट हैं। दिल्ली में रहकर किताबों के इलस्ट्रेशन के अलावा एनसीआर के स्कूलों में बच्चों के कार्टून व डूडल की वर्कशॉप करते हैं।

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यह है खास :

- एक घंटा देंगे फेसबुक पर लाइव प्रशिक्षण

- 700 से ज्यादा फॉलोवर्स हैं सैफ के पेज पर

- 5000 हजार लोग फेसबुक से जुड़े हैं।

- 8176882177 वाट्सएप नंबर पर भेज सकते हैं कार्टून

- बच्चे का नाम, क्लास, स्कूल करना होगा टाइप

- ड्राइंग के साथ बच्चे का फोटो भी भेज सकते हैं।

वर्जन

जब प्रधानमंत्री ने आह्वान किया है तो हमें घर में रहना ही है। कोरोना से बचने का एक अकेला यही रास्ता है। बड़े खुद को किसी न किसी काम में व्यस्त कर लेंगे, लेकिन दिक्कत बच्चों की है। इसलिए सोचा कुछ क्रिएटिव किया जाए।

सैफ असलम खां, कार्टूनिस्ट

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